1 डॉलर बराबर 1 रुपया होने पर भारत को होने वाले फायदे और नुकसान

आज भी बहुत से लोगो के मन में सवाल रहता है कि अगर भारत में 1 डॉलर बराबर 1 रुपया हो जाए तो क्या होगा, क्या भारत को इससे फायदा होगा या फिर नुकसान झेलना पड़ेगा. इस सवाल का जवाब देने से पहले आपको बता दे कि जब भारत आजाद हुआ था तब 1 डॉलर बराबर 3 रुपया हुआ करता था.

आजादी के बाद भारत में कई योजना शुरू की गयी थी. जिनके लिए विदेशों से भारत को कर्ज लेना पड़ा था. भारत पर कर्ज का दबाब बढ़ता जा रहा थे जिसे कम करने लिए भारत को रुपये की कीमत घटानी पड़ी थी.

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जब से भारत के रूपये की कीमत गिराई गयी थी तब से डॉलर के मुकाबले लगातार रूपये की कीमत गिरती जा रही है. लेकिन अगर भविष्य में कभी रूपया डॉलर के बराबर हो जाता है तो यहाँ भारत को फायदे के साथ कई नुकसान भी झेलने पड़ेंगे आज हम आपको इसके फायदे नुकसान के बारे में बताने जा रहे है.

1 डॉलर बराबर 1 रुपया होने पर भारत को होने वाले फायदे

आज हम विदेश से कोई चीज खरीदते है तो उसकी हमें 82 गुना ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है क्योंकि हमारे 82 रूपये उनके एक डॉलर के बराबर होते है. अगर डॉलर और रुपया बराबर हो जाते है तो जहाँ आज iPhone 1.50 लाख रूपये का मिलता है वो हमें करीब 1800 रूपये में मिलने लगेगा.

इसके अलावा 150 रूपये में अच्छे स्मार्टफोन मिल सकते है. इनके अलावा कुछ प्रोडक्ट जैसे कि टीवी, महंगी गाड़ियां, गैजेट्स, महंगी तकनीकें, उच्च सॉफ्टवेयर,और वो सभी चीजें जो आज हमें मंहगाई के भाव मिलती हैं, वो सब हमें काफी सस्ती मिल सकती है. भारत विदेशों से जो भी चीज आयात करेगा वो आज के मुकाबले बहुत सस्ती मिलेगी.

1 डॉलर बराबर 1 रुपया होने पर भारत को होने वाले नुकसान

भारत का निर्यात कम हो जायेगा क्योंकि जब 1 डॉलर बराबर 1 रुपया हो जायेगा तो बहुत से देश महंगाई की बजह भारत से कम आयात करेंगे जिसका भारत को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है. आज के समय बहुत से भारतीय अमेरिका में काम कर रहे है जिनकी सेलरी भारत के मुकाबले ज्यादा है लेकिन डॉलर और रुपया के बराबर होने पर उनको भारत के बराबर ही सेलरी मिलेगी.

निश्कर्ष यही निकलता है कि 1 डॉलर बराबर 1 रुपया होने पर भारत को फायदा कम नुकसान ज्यादा होगा. भारत की चीजें भी महंगी हो जाएगी जिसे बहुत कम खरीदा जायेगा जिसकी बजह से भारत की अर्थव्यवस्था पर भी खासा प्रभाव पड़ेगा.

ऐसा हो चुका है

ऐसा एक बार जापान के साथ भी हो चुका है जब साल 1986 में डॉलर की कीमत जापानी येन 280 के बराबर होता था लेकिन अचानक रातोंरात डॉलर की कीमत 140 येन हो गयी थी जिसका प्रभाव जापान की अर्थव्यवस्था पर पड़ा था. जापान आज भी इसका नुकसान झेल रहा है.

भारत सरकार कभी भी ऐसा नहीं चाहेगी इसलिए भारत सरकार की भारतीय रिज़र्व बैंक ने कुछ मान्यतायें बना रखी है जिससे भारत के रुपया की कीमत न ज्यादा हो और न ही कम हो क्योंकि दोनों ही स्थिति में भारत को नुकसान झेलना पड़ सकता है.

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8 COMMENTS

  1. You mean ham karz me dube rahe vo accha hai.
    Jab Hmare des me accha paisa milega to ham videsh me kyo jayenge job karne ke liye.

  2. Me upar vale baato se sahmat nahi hun kyo ki jab USA or bharat Ka RU. Barabar hoga to bharat ke logo ki salary kam karana padegi jisse usake economy par koi prabhav nahi padega balki bharat ko hi fayada hoga

  3. मेरे पास अमेरिका का डॉलर है किसी को लेना हो तो बताओ मेरा मोबाइल नंबर है

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