क्या आप जानना चाहते है अंतरिक्ष में जाने वाला पहला भारतीय कौन था तो आज के इस पोस्ट में हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं। अंतरिक्ष इंसान के लिए शुरू से ही आकर्षण का केंद्र रहा है। जब भी स्पेस में किसी चीज की खोज होती है। तो यह बड़ी कामयाबी मानी जाती है क्योंकि अंतरिक्ष के बारे में जानकारी निकालना कोई आसान काम नहीं था लेकिन मानव दिमाग ने आज कई ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित कर ली है। जिससे हम अंतरिक्ष के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी हासिल कर लिए हैं। हालाकि अंतरिक्ष एक ऐसी जगह है जिसके बारे में जितना जाने वह उतना ही कम है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अंतरिक्ष कई साल पहले इंसान को भेजने के बारे में सोचा गया था। हालाकि इससे पहले अंतरिक्ष जीवों के लिए ठीक है या नहीं इसे चेक करने के लिए स्पेस एजेंसी द्वारा सबसे पहले जानवर को भेजा गया था। जब इसमें सफलता मिली तो स्पेस एजेंसी ने इंसानों को भेजने की योजना बनाई।
जब जानवरों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेज दिया गया था। तब बहुत से देश में अंतरिक्ष में आदमी भेजने की होड़ सी लग गयी थी। इसमें सबसे पहले कामयाबी रूस सोवियत संघ को मिली थी। रूस सोवियत संघ ने 12 अप्रैल 1961 को 27 साल के यूरी गागरिन को अंतरिक्ष में भेजने की कामयाबी हासिल की थी।
इस सफलता के साथ रूस के यूरी गागरिन ऐसे पहले व्यक्ति बन गए थे। जिन्होंने मानव के इतिहास में पहली बार अंतरिक्ष में कदम रखा था। 1961 के बाद अब तक सैकड़ों लोग अंतरिक्ष की यात्रा कर चुके हैं। ऐसे में आप भी जानना चाहते होंगे कि क्या इसमें कोई भारतीय का नाम भी शामिल है।
अंतरिक्ष में जाने वाला पहला भारतीय कौन था
अंतरिक्ष में जाने वाले भारतीय कि लिस्ट में पहला नाम राकेश शर्मा का है। जिनका जन्म पंजाब के पटियाला में 13 जनवरी 1949 को हुआ था। राकेश शर्मा शुरू से ही विज्ञान में रूचि रखते थे और आसमान में उड़ने का सपना देखते थे इन्होने अपना अगला कदम विज्ञान के छेत्र में बढ़ाया।
राकेश शर्मा ने हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया था। साल 1966 में NDA पास कर इंडियन एयर फोर्स में कैडेट बने राकेश शर्मा ने 1970 में वायु सेना ज्वाइन कर ली थी। इस समय वे महज 21 साल के थे।
वायु सेना के ज्वाइन करने के 1 साल बाद उन्होंने भारत पाक के 1971 युद्ध में मिग एअर क्रॉफ्ट से महत्वपूर्ण सफलता हासिल की थी। इस समय उन्होंने दिखा दिया था कि कठिन परिस्थितियों में सफलता कैसे हासिल की जाती है।
इसके बाद राकेश शर्मा अपनी योग्यता और मेहनत के दम पर आगे बढ़ते रहे। इस बीच 20 सितंबर 1982 को उनका चयन भारत (इंडियन स्पेस रिसर्च सेण्टर) और सोवियत संघ (इन्टरकॉसमॉस) के एक संयुक्त अंतरिक्ष मिशन के लिए हो गया। जिसके अंतर्गत उन्हें अंतरिक्ष यात्रा का मौका मिला था।
चयन होने के बाद राकेश शर्मा को अंतरिक्ष के प्रशिक्षण के लिए रूस सोवियत संघ के कज़ाकिस्तान में स्थित बैकानूर में भेज दिया गया था। प्रसिक्षण के बाद आखिरकार वह समय आ ही गया जब राकेश शर्मा ने 3 अप्रैल 1984 को सोयूज टी-11 नामक अंतरिक्ष यान ने तीन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ उड़ान भरी थी।
यह दिन भारतिय लोगो के लिए ऐतिहासिक था क्योंकि भारतीय पहली बार अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाला था। राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में कुल 7 दिन 21 घंटे और 40 मिनट का समय बिताया था। इस तरह राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय और विश्व के 138वें व्यक्ति हैं।
तो अब आप जान गए होंगे कि अंतरिक्ष में जाने वाला पहला भारतीय कौन था राकेश शर्मा की इस महान उपलब्धि के लिए इन्हें सोवियत सरकार ने हीरो ऑफ़ सोवियत यूनियन के सम्मान से सम्मानित किया था। बता दे कि भारत सरकार ने इनको अशोक चक्र से भी सम्मानित किया हुआ है। भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद इन्होने हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड में परीक्षण विमानचालक के रूप में काम किया।
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