भारत कब आजाद हुआ था कौन से सन में: जैसा कि हम सभी जानते हैं इंडिया देश ने कई सदी गुलामी में झेली है शुरुआत में यहाँ राजाओं का शासन हुआ करता था। जिनके दौर में भारत सोने की चिड़िया के नाम से दुनियाभर में पहचाना जाता था। इसके बाद इंडिया पर विदेशी आक्रमणकारी मुगलों का राज हुआ और फिर अंग्रेजों ने भारत पर सैकड़ों साल राज किया था।
तो चलिए जानते हैं Bharat Kab Azad Hua Tha Hindi Mein हमारे देश के इतिहास में हम सभी पढ़ते आ रहे हैं लेकिन बहुत से लोग भूल जाते है उन्हें पता नहीं होता कि भारत को कब आजाद किया गया था किस Year में। अगर आप किसी एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो आपको इस तरह के सवालों के जवाब पता होना चाहिए।
चूँकि भारत को इतिहास में सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था क्योंकि उस समय इंडिया काफी धनवान देश हुआ करता था। ऐसे में बहुत से आक्रमणकारियों ने भारत पर शासन करने की योजना बनाई थी। जिसमें सबसे ज्यादा यूरोपियाई अंग्रेजी लोग सफल हुए थे।
जब अंग्रेजी शासन इंडिया पहुंचा तो उस समय हमारे देश में मुगलों का शासन हुआ करता था जिनके खिलाफ युद्ध छेड़कर अंग्रेजों ने भारत पर अपनी हुकूमत स्थापित की थी। अंग्रेजों ने भारत में न केवल हुकूमत की बल्कि हमारे देश को बुरी तरह से लूटा भी था। हालाकि अब ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन लगभग सभी देश आजाद हो चुके हैं।
भारत कब आजाद हुआ था
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अंग्रेजों के यूनाइटेड किंगडम देश की सैकड़ों साल की गुलामी के बाद भारत 15 अगस्त सन 1947 को आजाद हुआ था। अंग्रेजों ने करीब 190 साल तक भारत पर शासन किया था। हालाकि अंग्रेजों ने आखिर कब से इंडिया पर शासन करना शुरू किया था इसकी तारीख तो किसी को पता नहीं है। लेकिन ऐसा माना जाता है हमारे देश में अंग्रेजी शासन सन 1757 को शुरू हुआ था।
भारत कैसे आजाद हुआ
माना जाता है साल 1600 में अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी नामक एक कंपनी मसालों का व्यापार करने के लिए भारत आई थी। उन्होंने कपास, रेशम और चाय जैसी अन्य चीजों का भी व्यापार किया। आखिरकार, उन्होंने भारत के कई हिस्सों पर नियंत्रण हासिल कर लिया और बहुत शक्तिशाली हो गए।
ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के लोगों के साथ बुरा काम करना शुरू किया। उन्होंने राजाओं और उनकी सेना को अपने कब्जे में लेना शुरू कर दिया था और कंपनी चलाने वाले ब्रिटिश लोग भारतीय लोगों को नीच दर्जे का समझते थे और उन पर जुर्म करा करते थे।
भारत में कुछ बहादुर लोग वापस लड़ना चाहते थे और वे इसका विरोध करने लग गए थे। ब्रिटेन की रानी ने इस विद्रोह को देखते हुए कंपनी की शक्ति को अपने अधीन करने का फैसला किया। सन 1858 में ‘गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1858’ पास कर दिया गया तब ब्रिटिश सरकार ने भारत पर अधिकार कर लिया और इसे ब्रिटिश राज कहा जाने लगा।
ईस्ट इंडिया कंपनी के खत्म होने के बाद, भारत ने प्रगति का अनुभव करना शुरू किया। सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना न्यायिक प्रणाली बनाने में पहला कदम था। हावड़ा-कोलकाता से रानीगंज तक 120 किमी रेलवे बनाने की योजना बनाई गई और डाक व्यवस्था और टेलीग्राफी लागू की गई। अंग्रेजों को लाभ होने के बावजूद भारत का विकास शुरू हो रहा था। यह कई दशकों तक चलता रहा।
हिटलर के द्वारा शुरू हुआ द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से 1945 तक चला था। इसके परिणामस्वरूप लाखों लोगों की मौत हुई। जब तक युद्ध समाप्त हुआ, तब तक ब्रिटेन एक कमजोर आर्थिक स्थिति में था और वह अपने देश पर शासन करने के लिए संघर्ष कर रहा था। इसी दौरान 1945 में ब्रिटेन में चुनाव होते हैं और इसमें लेबर पार्टी ने चुनाव जीता था लेबर पार्टी ने भारत समेत कई देशों को आजादी देने का वादा किया था।
1948 में भारत को स्वतंत्रता मिलने वाली थी लेकिन जिन्ना और नेहरू के बीच विभाजन के मुद्दे ने सांप्रदायिक संघर्षों को जन्म दिया। स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए, लॉर्ड माउंटबेटन ने इसके बजाय 1947 में स्वतंत्रता प्रदान की। इसके परिणामस्वरूप भारत और पाकिस्तान अलग हो गए, दोनों देशों को उनकी स्वतंत्रता प्रदान की गई।
भारत गुलाम क्यों हुआ
जब अंग्रेजों को भारत के कपास और मसालों के व्यापार के बारे में पता चला तो वह एक कंपनी ईस्ट इंडिया कंपनी बनाकर भारत आये थे यहाँ इन्होंने भारत के राजाओं को मनाकर व्यापार करना शुरू कर दिया था लेकिन इस दौरान उन्होंने देखा कि भारत में काफी अलग अलग शासन और अलग अलग धर्म के लोग हैं जिनमें आसानी से फूट डाली जा सकती है।
अंग्रेजों की एक नीति सबसे ज्यादा कारगर साबित हुई थी जिसे हम ‘फूट डालो राज करो’ के नाम से जानते हैं इस नीति के अंतर्गत अंग्रेज, भारतीय राजाओं को आपस में लड़ाकर उनके शासन को अपने अधीन कर लेते थे और इस नीति से उन्होंने लगभग पूरे भारत को अपने अधीन कर लिया था।
अंग्रेज न केवल कुशासन बल्कि भारतीय लोगो पर अत्याचार भी किया करते थे ऐसे में इनको लेकर विद्रोह होना शुरू हो गया था जो काफी लम्बे समय तक चला। इस दौरान हमारे देश के लाखों स्वतंत्रताकारी लोगो ने अपनी जान की परवाह किये बिना इंडिया को आजाद करने की मंशा बना ली थी। इस विद्रोह में लाखों भारतीय लोगो ने अपनी जान गवा दी थी।
अंग्रेज पहले व्यापार करने की योजना के अंतर्गत हमारे देश आये थे और इंडिया आकर ये राजाओं से परमिशन लेकर व्यापार करने लगे। जब इनको लगने लगा कि इंडिया पर शासन किया जा सकता है तो इन्होने आक्रमण करना शुरू कर दिया और एक के बाद एक शासकों को हराकर भारत को अपने अधीन कर लिया।
अगर आप सोच रहे हैं कि अंग्रेजो ने सिर्फ भारत पर शासन किया था तो ऐसा बिलकुल नहीं है क्योंकि अंग्रेज भारत से पहले अमेरिका जैसे बड़े देश को भी अपना गुलाम बना चुके थे। एक समय ऐसा भी था जब अंग्रेजों ने पूरी धरती की 80% भूमि पर अपना शासन कायम कर लिया था। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि अंग्रेजी साम्राज्य कितना बड़ा हुआ करता था।
FAQs
भारत देश कब आजाद हुआ था और किसने किया था?
भारत ने साल 1757 से गुलामी सही थी लगभग 200 वर्ष के बाद भारत के वीर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के चलते 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ था।
भारत में अंग्रेजों के आने से पहले किसका राज था?
अंग्रेजों से पहले भारत में मुग़ल साम्राज्य का शासन था इसके अलावा कुछ क्षेत्रों में मराठा, सिख शासन थे साथ ही अंग्रेजों से पहले फ्रांसीसी भी भारत के कुछ तटीय क्षेत्रों में शासन कर रहे थे।
भारत कुल कितने वर्ष तक गुलाम रहा?
भारत ने अंग्रेजों की गुलामी को करीब 200 सालों तक झेला है इस दौरान अंग्रेजों ने भारत की अरबों खरबों की संपत्ति लूट कर अपने देश ले गए थे।
भारत में ऐसा कौन सा राज्य है जो अंग्रेजों का गुलाम नहीं हुआ?
अंग्रेजों के आने से पहले गोवा में पुर्तगाली लोगो ने कब्ज़ा कर रखा था और अंग्रेजों के जाने के बाद भी पुर्तगाली गोवा में शासन करते रहे थे हालाकि भारत के आजाद होने के बाद गोवा को भी पुर्तगालियों से आजाद करा लिया गया था।
निष्कर्ष
तो अब आप जान गए होंगे कि भारत कब आजाद हुआ था हालाकि बहुत से लोग 26 जनवरी और 15 अगस्त को लेकर कंफ्यूज रहते हैं क्योंकि दोनों तारीख को नेशनल डे के तौर पर सेलेब्रेट किया जाता है। तो आपको बता दे 15 अगस्त को इसलिए सेलेब्रेट किया जाता है क्योंकि इस दिन अधिकारिक तौर पर भारत आजाद हो गया था।
भारतीय गणराज्य का संविधान 26 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हुआ था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को इंडिया का संविधान लागू किया गया था इसलिए 26 तारीख को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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आर्टिकल पढने के बाद और वर्तमान स्थिति को देखते हुए। भारत की स्थिति में सुधार होने की और आवश्यकता हैं। मुझे पूरा विश्वास हैं की अपना भारत भी एक दिन जरुर इन सभी हालातों को पार करतें हुए विश्व में सबसे आगे होगा।