भारत की राष्ट्रभाषा कौनसी है क्या होनी चाहिए यहाँ जानिए

चलिए आज जानते है भारत की राष्ट्रभाषा कौनसी है और क्या होनी चाहिए। दुनिया के ज्यादातर देश की अपनी राष्ट्रीय भाषा है जैसे यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका में अंग्रेजी Language बोली जाती है और ये देश अपने सभी काम अपनी अंग्रेजी लैंग्वेज में ही करते है। वैसे इंडिया के ज्यादातर लोग हिंदी को राष्ट्रीय भाषा मानते है क्योंकि हिंदी हिन्दुस्तान के अधिकतर लोगो द्वारा बोली जाती है लेकिन यह सत्य नहीं है। ऐसा हम क्यों कह रहे है यह आपको इस पोस्ट में पता चल जायेगा। किसी भी देश की संस्कृति में भाषा का भी अहम योगदान होता है क्योंकि इसी से लोग अपनी संस्कृति को आगे बढ़ा पाते है।

भारत की राष्ट्रभाषा कौनसी है

अपनी राष्ट्रभाषा को विशेष दर्जा कैसे देते है तो वह चीन देश से सीखना चाहिए एक तरह जहाँ दुनिया में अंग्रेजी language का दबदवा है। वही दूसरी ओर चीन में इसका कोई प्रभाव देखने को नहीं मिलता है। ऐसे में अगर आप जानना चाहते है कि भारत की राष्ट्रभाषा क्या है तो इस पोस्ट को अंत तक पढ़े क्योंकि इसमें आपको काफी कुछ जानने को मिलेगा। चीन की अधिकारिक language मंदारिन है जो इस विश्व की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। भले ही अब चीन एक आधुनिक देश बन गया है लेकिन उन्होंने अपनी इतिहासिक भाषा को नहीं छोड़ा है। आज चीन देश में जितने भी काम होते है वह चाहे कोई वार्तालाप हो या कोई प्रोडक्ट हो सभी में आपको चीनी भाषा मंदारिन देखने को मिल जाएगी।

भारत की राष्ट्रभाषा कौनसी है

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भारतीय संविधान में भारत की राष्ट्रभाषा का कोई उल्लेख नहीं है। इसका मतलब यह हुआ कि भारत की कोई राष्ट्रभाषा नहीं है। जहाँ तक हिंदी की बात करे तो इसे हिंदुस्तान संविधान के अनुच्छेद 343 के अंतर्गत राजभाषा का दर्जा दिया गया है। इसका अर्थ यह हुआ कि इसे राजकीय कार्यों में प्रयोग किया जा सकता है। हालाकि भारत सरकार ने देश की 22 भाषाओं को अधिकारिक language के रूप में चिन्हित किया है।

केंद्र सरकार या राज्य सरकार अपने कार्यों के लिए अपनी सहूलियत के हिसाब से इन 22 भाषाओं में से किसी को भी चुन सकती है। उदाहरण के तौर पर केंद्र सरकार ने हिंदी और इंग्लिश को अधिकारिक लैंग्वेज के तौर पर चुना है यहीं वजह है कि आपको देश के सारे सरकारी काम जिन्हें केंद्र सरकार कंट्रोल करती है उनमें हिंदी और अंग्रेजी भाषा का प्रयोग देखने को मिल जायेगा।

भारत की राष्ट्रभाषा का उल्लेख संविधान में

जब भारतीय संविधान का निर्माण हो रहा था तब राष्ट्र भाषा का भी जिक्र किया गया था। तब उस दौर में डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी ने संस्कृत भाषा को भारत की राष्ट्र भाषा बनाने का सुझाव दिया था लेकिन इसके विरोध के चलते इसे मान्यता नहीं दी गयी। इसी तरह संविधान सभा के कई लोग हिंदी को भी राष्ट्रीय भाषा बनाने का सुझाव दिया लेकिन गैर हिंदी भाषी छेत्र में इसका विरोध होने लगा।

चूँकि भारत विभिन्नताओं वाला देश है जहाँ सेकड़ों भाषाएं बोली जाती है जब भी किसी language को राष्ट्रभाषा बनाने का बनाने का प्रस्ताव लाया जाता है तो अन्य लोग इसका विरोध करने लगते है। उदाहरण के तौर पर हिंदी को कई बार राष्ट्रीय भाषा बनाने प्रस्ताव लाया गया है लेकिन साउथ इंडिया में इसका जमकर विरोध होता है। साउथ इंडियन लोगो को लगता है कि हिंदी उनपर जबरजस्ती थोपी जा रही है इसी कारण अब तक भारत में किसी भी लैंग्वेज को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिला है।

भारत की राष्ट्रभाषा बनने की दौड़ में शामिल भाषाएं

भारतीय संविधान की आठवी अनुसूची में भारत की अधिकारिक भाषाओं का जिक्र किया गया है। जिनमें समय समय पर परिवर्तन देखने को मिला है। संविधान निर्माण के समय 14 भाषाओं को शामिल किया गया था लेकिन इसके बाद साल 1967 में सिन्धी भाषा को अनुसूची में शामिल किया गया। साल 1992 में कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली भाषा को शामिल किया गया वर्ष 2004 में बोड़ो, डोगरी, मैथिली और संथाली भाषा को शामिल किया गया था। इस तरह अब तक अनुसूची में 22 भारतीय भाषाओं का शामिल किया गया है।

हिन्दी भाषा कन्नड़ भाषा
असमिया भाषा कोंकणी भाषा
ओड़िया भाषा बंगाली भाषा
डोगरी भाषा पंजाबी भाषा
उर्दू भाषा बोड़ो भाषा
कश्मीरी भाषा नेपाली भाषा
गुजराती भाषा मराठी भाषा
तमिल भाषा मलयालम भाषा
मणिपुरी भाषा मैथिली भाषा
संस्कृत भाषा संथाली भाषा
सिन्धी भाषा  तेलुगू भाषा

ऊपर बताई गयी सभी भाषाओं को राज्यों की अधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गयी है। जिन्हें केंद्र या फिर राज्य सरकार अपने स्तर पर कामकाज के लिए उपयोग कर सकती है। इन सबके अलावा साल 2010 में गुजरात उच्च न्यायालय में भी इन्हें सामान अधिकार में रखने की बात कही थी।

ये भी पढ़े –

तो अब आप भारत की राष्ट्रभाषा कौनसी है इसके बारे में जान गए होंगे अगर आपको भी लगता था कि हिंदी भारतीय राष्ट्रीय भाषा है तो आपका कंफ्यूजन दूर हो गया है। दरअसल भारत की कोई राष्ट्रभाषा नहीं है और इसका मुख्य कारण विरोध है जब भी किसी Language को राष्ट्रीय बनाया जाता है तो उसका विरोध होने लगता है। उम्मीद करते है आज का यह पोस्ट आपके लिए ज्ञानवर्धक साबित होगा।

Previous articleJio Phone का Password कैसे तोड़े 2 मिनिट में
Next articleJio Phone में Password Lock कैसे लगाये 2 मिनिट में
MakeHindi.Com is a Professional Educational Platform. Here we will provide you only interesting content, which you will like very much. We’re dedicated to providing you the best of Education.

5 COMMENTS

  1. म्हारी राजस्थानी णे भी देणी छावे मान्यता,,

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here