इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं बिटकॉइन का मालिक कौन है और Bitcoin किस देश की मुद्रा है साथ में ये भी बताएँगे कि यह कैसे काम करता है और आप बिटकॉइन में इन्वेस्ट कैसे कर सकते हैं। पुराने जमाने में जब कैश नहीं हुआ करता था तो व्यापारी और साहूकार टोकन का इस्तेमाल करते थे यह एक तरह का आज्ञा पत्र होता था, जिसे दिखा कर सामान खरीदा जा सकता था यह एक रूप से कागज का टुकड़ा होता था।
जिसे किसी दूसरे को भी दिया जा सकता था या फिर भविष्य की जरूरतों को देखते हुए अपने पास भी रखा जा सकता था बैंकों के आने के बाद भी समाज में इस प्रकार का गैर मौद्रिक लेनदेन चलता रहा। 1980 के दशक में पहली बार इस कागज़ के टुकड़े की बजाय डिजिटल करेंसी का लेनदेन शुरू हुआ बाद में जब इंक्रिप्शन एल्गोरिथम RSA का विस्तार हुआ तब अमेरिका के क्रिप्टोग्राफर डेविड चॉम ने नीदरलैंड में डीजी कैश के नाम से इंटरनेट पैसे का पहला आविष्कार किया।
इस बेहतरीन नई तकनीक ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा। तब माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने अपने द्वारा बनाए जाने वाले हर कंप्यूटर में डीजी केस डालने के लिए चाम की कंपनी को 180 मिलियन डॉलर की पेशकश की थी। डिजिटल कैश तकनीक में तूफान तब आया जब दुनिया की बहुत सारी स्टार्टअप कंपनियों ने इस तकनीक से पैसे ट्रांसफर करने शुरू कर दिए, व्यापारियों को यह तरीका इसलिए ज्यादा पसंद आया क्योंकि यहां पर पैसे की ट्रांजैक्शन बिना किसी रूकावट के और जल्दी हो जाती थी।
1990 में एलोन मस्क द्वारा बनाई गई पेपाल कंपनी ने पीर टू पीर मनी ट्रांसफर की शुरुआत की यहां पर दुनिया भर में कोई भी व्यक्ति और बिजनेसमैन एक जगह से दूसरी जगह पर बिना किसी रूकावट से कंप्यूटर के माध्यम से पैसे भेज सकते थे। व्यापारियों को यह तरीका अच्छा लगा और उन्होंने भुगतान के लिए पियर टू पियर मनी ट्रांसफर का सिस्टम अपनाया क्योंकि यह केस में पैसे देने से ज्यादा सुरक्षित था।
लेकिन यहां तक क्रिप्टोकरंसी के बारे में किसी ने कोई विचार नहीं किया था, हालांकि क्रिप्टो तकनीक की शुरुआत हो चुकी थी, लेकिन इस तकनीक में दिलचस्पी 2008 की अमेरिकी मंदी के बाद ही हुई, 2008 की मंदी के बाद लोगों ने अपने पैसों को सुरक्षित रखने के लिए विचार शुरू कर दिए। उसके बाद जनवरी 2009 में बिटकॉइन की शुरुआत हुई। आइए देख लेते हैं कि बिटकॉइन की शुरुआत किसने की।
बिटकॉइन का मालिक कौन है
बिटकॉइन के मालिक के रूप में सतोशी नाकामोतो नाम के व्यक्ति को जाना जाता है और कहा जाता है कि बिटकॉइन की शुरुआत 9 जनवरी 2009 में जापानी व्यक्ति सतोशी नाकामोतो ने की थी। लेकिन किसी को भी इस बात का पता नहीं है कि असल में सतोशी नाकामोतो कौन है और कहां पर रहते हैं केवल यह अंदेशा जताया जाता है कि वह जापान में किसी शहर में छुप कर रहता है।
जब से बिटकॉइन की शुरुआत हुई सतोशी नाकामोतो को ही Bitcoin का आविष्कारक समझा जाता है लेकिन कोई इनके बारे में कुछ नहीं जानता कि इनका परिवार कहां है इनका जन्म कब हुआ जैसी बातें किसी को नहीं पता। यहां तक कि एक धारणा के अनुसार उन्हें जापानी माना जाता है लेकिन यह भी सौ परसेंट कोई नहीं कह सकता कि सतोशी नाकामोतो नाम का व्यक्ति कोई जापानी व्यक्ति है या इसी ने बिटकॉइन की शुरुआत की है।
कई लोगों का यह मानना है कि सतोशी नाकामोतो किसी एक व्यक्ति का नाम नहीं बल्कि यह एक ग्रुप है, जिसने मिलकर क्रिप्टोकरंसी पर काम किया था और बिटकॉइन की शुरुआत की थी लोगों का मानना है कि सतोशी नाकामोतो नाम का ग्रुप ब्लॉकचेन तकनीक पर काफी समय से रिसर्च कर रहा था और इसी ग्रुप ने आगे चलकर बिटकॉइन और कई और क्रिप्टोकरंसीज की शुरुआत की थी।
इंटरनेट पर सतोशी नाकामोतो नाम के व्यक्ति की उम्र 42 वर्ष बताई गई है लेकिन इसका भी कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है Bitcoin जितना रहस्यमय है उतना ही रहस्यमय सतोशी नाकामोतो भी है क्योंकि एक ऐसी क्रिप्टोकरंसी जिसकी वैल्यू देखते ही देखते करोड़ों में पहुंच गई और जिसने बड़े बड़े इन्वेस्टर्स को मालामाल कर दिया क्रिप्टोकरंसी के नाम पर जिस बिटकॉइन को सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, उस बिटकॉइन के आविष्कारक के बारे में कोई नहीं जानता।
बिटकॉइन की शुरुआत होने से कुछ महीने पहले अक्टूबर 2008 में सतोशी नाकामोतो नामक व्यक्ति ने मैथ्स डाउट नाम की एक वेबसाइट पर एक पत्र लिखा था, जिसमें क्रिप्टोग्राफी तकनीक के बारे में समझाया गया था और वहां पर Bitcoin के फायदों के बारे में लोगों को अवगत करवाया गया था इस लेख का शीर्षक था बिटकॉइन – ए पियर – पियर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम इसी के कुछ महीने बाद बिटकॉइन की शुरुआत हो गई और शुरू में बिटकॉइन का पहला वर्जन लांच हुआ।
बिटकॉइन आने के बाद जब धीरे धीरे इसकी पहचान बढ़ने लगी तो इसी के साथ साथ बहुत सारी अन्य क्रिप्टोकरेंसीज ने भी मार्केट में अपना कदम रखा आज मार्केट में मुख्य क्रिप्टोकरंसी के नाम पर बिटकॉइन, इथेरियम, डॉग कैश जैसी कई क्रिप्टोकरंसी है सभी क्रिप्टोकरेंसीज काफी सही चल रही है और लोग क्रिप्टोकरंसी में ज्यादा इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं।
बिटकॉइन किस देश की मुद्रा है
दोस्तों बिटकॉइन ब्लॉकचेन नाम की टेक्नोलॉजी पर काम करने वाली एक क्रिप्टोकरंसी है अगर यह धारणा सही है कि Bitcoin की शुरुआत सतोशी नाकामोतो नाम के जापानी व्यक्ति ने की थी तो हम यह कह सकते हैं कि बिटकॉइन जापान देश की क्रिप्टोकरेन्सी है क्योंकि इसकी शुरुआत जापान देश में ही हुई लेकिन यह धारणा सौ परसेंट सही नहीं है।
इसलिए हम यह नहीं मान सकते कि बिटकॉइन किसी देश के साथ जुड़ी हुई एक क्रिप्टोकरंसी है वैसे क्रिप्टोकरंसी किसी भी देश के साथ जुडी हुई नहीं हो सकती हां क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत अगर किसी देश में हुई है तो हम मान सकते हैं कि उस देश में उस करंसी की खोज हुई है लेकिन किसी भी देश का क्रिप्टोकरंसी पर मालिकाना हक नहीं हो सकता।
बिटकॉइन कैसे काम करती है
ब्लॉकचेन एक क्लाउड बेस्ड तकनीक होती है ब्लॉकचैन में डाटा किसी भी एक सर्वर पर नहीं होता बल्कि यहां पर डाटा अलग अलग ब्लॉक्स के रूप में सभी Bitcoin इस्तेमाल करने वाले लोगों के सिस्टम में होता है इसीलिए किसी भी देश की सरकार बिटकॉइन पर अपना अधिकार स्थापित नहीं कर सकती और ना ही किसी के कहने पर बिटकॉइन में कोई बदलाव किया जा सकता है।
अगर कोई देश चाहता है तो केवल बिटकॉइन को बैन कर सकता है लेकिन बिटकॉइन को बैन करके ट्रांजैक्शंस रोकना असंभव है क्योंकि यह पूरे इंटरनेट पर एक जाल की तरह फैल चुका है अगर आप इस चीज को अच्छी तरह समझना चाहते हैं तो आपको ब्लॉकचेन तकनीक को समझना होगा यह एक कॉम्प्लिकेटेड टॉपिक है।
आप केवल इतना समझिए कि Bitcoin किसी एक देश का नहीं है और कोई भी एक देश इस पर अपना स्वामित्व नहीं जमा सकता बिटकॉइन के पीछे किसी भी कंपनी का अधिकार नहीं है जो इसमें फेरबदल कर सकें। यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर या नंबर की एक स्ट्रिंग है जो इंटरनेट पर अपनी छाप छोड़ चुकी है और अलग अलग सर्वर में अपना स्थान बना लिया है।
इसको खत्म करना भी संभव नहीं है क्योंकि जब तक लोगों के पास बिटकॉइन होंगे तब तक बिटकॉइन को समाप्त नहीं किया जा सकता यहां तक कि ब्लॉकचेन का माध्यम इस्तेमाल कर रही किसी भी चीज को हैक करना नामुमकिन होता है।
1 बिटकॉइन की कीमत
आज के समय 1 बिटकॉइन की कीमत 32 लाख रूपए है और सिर्फ भारत में ही 50 लाख से ज्यादा लोग बिटकॉइन पर इन्वेस्ट कर रहे हैं वैसे तो Bitcoin को आए हुए एक दशक से ज्यादा समय हो चुका है लेकिन बिटकॉइन को लोकप्रियता 2013 14 के बाद ही मिली। भारत में बिटकॉइन 2016 के बाद मशहूर हुआ क्योंकि 2016 के बाद ही स्मार्टफोन की मार्केट अचानक से रफ्तार पकड़ गई।
भारत में इसी समय लगभग जिओ ने अपनी शुरुआत की थी इसलिए लोगों के हाथ में अधिक स्मार्टफोंस आए और लोगों ने इंटरनेट पर नई नई चीजें खोजना शुरू कर दिया आपको बता दूं कि अगर आपने 2016 में बिटकॉइन में इन्वेस्टमेंट की होती तो आज आप करोड़पति होते।
2016 में बिटकॉइन का रेट लगभग 21000 भारतीय रुपए था लेकिन आज के समय में यह 100 गुना से ज्यादा हो गया है फिलहाल इसका रेट 32 लाख भारतीय रुपए है आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर आपने 2016 में ₹21000 में Bitcoin में इन्वेस्ट किए होते तो आज उन ₹21,000 के ₹32,000,00 हो जाते और कुछ लाख रुपए इन्वेस्टमेंट करने वाला तो आज करोड़पति ही है।
इस आर्टिकल में हमने देखा कि बिटकॉइन का मालिक कौन है और बिटकॉइन किस देश की मुद्रा है इस आर्टिकल में हमने बिटकॉइन के मालिक के बारे में रोचक कहानी देखी है कि किस तरह से Bitcoin के मालिक ने बिटकॉइन को बना भी दिया। इसके बारे में पत्र छापकर लोगों को अवगत भी करवाया। दुनिया में ऐसे बहुत से लोग है जो अपने आप को असली सतोशी नाकामोटो और बिटकॉइन का असली मालिक बताते हैं लेकिन इनमें से कोई भी सही रूप से बिटकॉइन बनाने का कोई सबूत पेश नहीं कर पाया है।
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