चलिए आज जानते है कि बल्ब का आविष्कार किसने किया था और कब आपने जब से जन्म लिया है तब से आप बल्ब ट्यूब लाइट्स वगैरह को देखते आ रहे हैं, लेकिन क्या यह हमेशा से ऐसा ही था क्या हमारी रातें ऐसी ही जगमगाती रहती थी। जी नहीं! जब बल्ब नहीं था तो रात्रि के समय प्रकाश के लिए आग का प्रयोग किया जाता था, इसके अलावा कोई भी ऐसा तरीका नहीं था जिससे कि प्रकाश किया जा सके या तो चंद्रमा का प्रकाश है या अग्नि के माध्यम से किया गया प्रकाश ही रोशनी का एकमात्र स्त्रोत होता था।
लेकिन फिर इतिहास में एक महान व्यक्ति हुए जिन्होंने बल्ब का आविष्कार किया और दुनिया बदल गई इस आर्टिकल में मैं आपको पूरी जानकारी दूंगा कि बल्ब का आविष्कार किसने किया और बल्ब का आविष्कार कब हुआ जब बल्ब नहीं था तो लोग प्रकाश के लिए मोमबत्ती आदि का इस्तेमाल करते थे लेकिन मोमबत्ती और लालटेन जैसी चीजों का इस्तेमाल करते वक्त इन्हें बहुत संभाल कर रखना होता था और कई बार दुर्घटनाएं भी हो जाती थी और इन चीजों का रखरखाव भी इतना आसान नहीं था।
लेकिन जब बल्ब का आविष्कार हुआ तो पूरी दुनिया का चित्र मानो बदल गया अब लोगों को अंधेरे से डर नहीं लगता था उस समय के लोगों ने शायद इस चीज को एक विचित्र और बाहरी दुनिया की चीज समझी होगी क्योंकि उन्होंने अपने जीवन काल में कभी ऐसी चीज को नहीं देखा जो केवल एक बटन दबाते ही चारों तरफ रोशनी कर दे।
सबसे पहले बल्ब अमीरों के घरों में आया और उसके बाद धीरे धीरे हमारे पूरे समाज में इसने अपना घर कर लिया, अब तो आप सड़कों के किनारे लाइट और पार्कों, स्टेशनों, कारखानों यानी कि हर एक जगह पर बल्ब देख सकते हैं।
बल्ब का आविष्कार किसने किया था
बल्ब का आविष्कार थॉमस अल्वा एडिसन ने किया था जो की अपने समय के एक महान वैज्ञानिक रहे हैं। वह महान सृजनात्मक शक्ति वाले इंसान थे जिन्होंने बल्ब जैसी अद्वितीय चीज को बनाया। बल्ब का आविष्कार थॉमस अल्वा एडिसन ने 1878 में किया था।
महान लोगों के द्वारा महान चीजें विकसित करने के पीछे एक कहानी होती है। बल्ब के पीछे भी एक कहानी छुपी हुई है क्योंकि बल्ब बनाना एक लंबा प्रोसेस था आइए देख लेते हैं कि बल्ब का आविष्कार आखिर कैसे हुआ और बल्ब का आविष्कार करते समय थॉमस एडिसन को किन किन समस्याओं का सामना करना पड़ा
बिजली के द्वारा तारों को गर्म करके रोशनी पैदा करने का विचार सबसे पहले अंग्रेजी रसायन विशेषज्ञ हम्फ्रे डेवी के दिमाग में आया था। और उन्होंने ही सबसे पहले यह बात साबित की थी कि जब विद्युत को पतली तारों में से गुजारा जाता है तो वे गर्म होकर रोशनी पैदा करते हैं उन्होंने यह चीज प्रैक्टिकल करके दिखाई थी।
हम्फ्रे डेवी ने रोशनी पैदा करने के लिए अपने स्तर पर एक उपकरण भी बनाया था लेकिन इस उपकरण में कुछ खामी थी और यह शुरू होने के कुछ घंटे बाद ही जल जाता था यानी कि गर्म होकर खराब हो जाता था। थॉमस एडिसन एक अमेरिकी वैज्ञानिक और निवेशक थे, जिनको बल्ब का आविष्कारक कहा जाता है क्योंकि उन्होंने ही सन् 1879 में कार्बन फिलामेंट बल्ब को तैयार किया था।
थॉमस एडिसन ने तारों को गर्म होकर जल जाने से बचाने के लिए वैक्यूम लेस कांच के अंदर कार्बन फिलामेंट का प्रयोग करके एक असाधारण चीज को बना दिया था जो कि हर प्रकार के वैज्ञानिक और व्यवसायिक नजरिया से बेहतर था।
थॉमस एडिसन ने बल्ब का आविष्कार किया इस बात में कितनी सच्चाई है
हम बल्ब के आविष्कारक के रूप में थॉमस एडिसन को जानते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि हम बल्ब के अविष्कार का पूरा श्रेय थॉमस एडिसन को नहीं दे सकते क्योंकि सबसे पहले इस प्रक्रिया का इस्तेमाल हम्फ्रे डेवी ने किया था और उसने एक उपकरण भी बनाया था लेकिन वह किसी वजह से असफल रहा।
थॉमस एडिसन ने केवल उनके रास्ते पर चलकर और उनके आईडिया को एक कदम आगे बढ़ा कर लोगों के सामने पेश किया। थॉमस एडिसन द्वारा बनाया गया बल्ब एक प्रकार से सफल हो गया हालांकि इसमें आगे चलकर बहुत सारे शोध हुए और नए नए प्रकार की चीजें आती गई।
आज जो आप मॉडर्न बल्ब देखते हैं उस बल्ब का कांसेप्ट सबसे पहले हम्फ्रे डेवी के दिमाग में आया था उसके बाद इसको पूर्णतया आकार में थॉमस एडिसन द्वारा लाया गया थॉमस एडिसन ने जो बल्ब बनाया था उसमें भी आगे चलकर काफी शोध हुए और नई नई खोजें हुई।
यानी कि आप आज घरों में जो बल्ब का इस्तेमाल करते हैं, वह बल्ब बहुत सारी शोध और खोज प्रक्रियाओं से गुजर चुका है उसमें हर प्रकार की खामी को दूर कर दिया गया है और आगे आने वाले समय में भी यह आविष्कार होते रहेंगे और नई नई चीजें आती रहेंगी और अलग खोजे होगी और नए नए प्रकार के बल्ब भी हमारे सामने आएंगे।
हम थॉमस एडिसन को बल्ब के आविष्कारक के रूप में इसलिए जानते हैं क्योंकि थॉमस एडिसन ही वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने हमारे सामने ऐसा बल्ब इंट्रोड्यूस किया जिसको हम घरों में इस्तेमाल कर सकते थे। बल्ब बनाने में थॉमस एडिसन का योगदान सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण था क्योंकि उन्होंने बल्ब ना केवल बनाया बल्कि इसका काफी बड़ी मात्रा में प्रोडक्शन करके लोगों के सामने भी लेकर आए और आगे इसका व्यापार भी किया।
पहले के बहुत से वैज्ञानिकों ने बल्ब बनाने की कोशिश की थी लेकिन उनके डिजाइन में किसी ना किसी प्रकार की कोई ना कोई गलती हो जाती थी जिससे बल्ब या तो जल जाता था या बहुत कम रोशनी या ना के बराबर ही रोशनी दे पाता था।
थॉमस एडिसन कौन थे
दोस्तों थॉमस एडिसन को थॉमस अल्वा एडिसन के नाम से भी जाना जाता है थॉमस एडिसन अमेरिकी वैज्ञानिक और व्यवसायिक थे। थॉमस एडिसन का जन्म 11 फरवरी 1847 को अमेरिका देश के ओहियो राज्य में हुआ था। इनका बचपन मिलन शहर में गुजरा था।
यही पहले वैज्ञानिक थे जिनके नाम 1093 पेटेंट थे यानी कि इन्होंने केवल बल्ब का आविष्कार नहीं किया बल्कि इनके नाम 1093 अन्य चीजें भी हैं इनमें से कुछ प्रमुख चीजें जो इनके द्वारा अधिकृत है इनकी नीचे सूची दी गई है।
- इलेक्ट्रिक ट्रेन
- बैटरी
- लाइट बल्ब
- ग्रामोफोन
- इलेक्ट्रिक वोट रिकॉर्डर
- फोनोग्राम
- काइनेटोस्कोप
Thomas Edison ने 24 वर्ष की आयु में 16 वर्षीय मैरी स्टेलवेल से शादी की थी मेरी से इनकी मुलाकात केवल शादी से 2 महीने पहले ही हुई थी। मेरी के द्वारा एडिशन को तीन पुत्रों की प्राप्ति हुई थी लेकिन 1884 में एक गंभीर बीमारी के कारण मैरी की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद एडिशन ने मीना मिलर से दूसरी शादी की थी।
थॉमस एडिसन आजीविका
Thomas Edison ने केवल 12 वर्ष की आयु से ही रेलवे स्टेशन पर अखबार बेचने शुरू कर दिया थे और कुछ समय बाद थोड़े बहुत पैसे इकट्ठे करके थॉमस एडिसन ने ही पहली प्रयोगशाला बनाई थी। इसी प्रयोगशाला में एडिसन ने ज्यादातर आविष्कारों को निपटाया था थॉमस एडिसन अखबार बेचने के साथ साथ छोटा मोटा अन्य काम भी किया करते थे जिन से जो भी बचत आती थी उसे अपना जीवन निर्वहन करने के बाद बचे हुए पैसों से प्रयोगशाला के लिए सामान खरीदते थे।
थॉमस एडिसन का विश्व के लिए एक जबरदस्त मैसेज भी रहा है उनका मानना था कि अगर कोई व्यक्ति अपने किए गए काम में निरंतर सुधार करता रहे तो वह आने वाले समय में कुछ बहुत बड़ा कर सकता है उन्होंने इस चीज को बल्ब बनाने से जोड़ा और आगे चलकर बल्ब एक अद्वितीय अविष्कार हुआ।
थॉमस एडिसन ने 15 वर्ष की आयु तक रेलवे स्टेशन पर अखबार बेचे थे उसके बाद उन्होंने अखबार छापने वाली खुद की एक मशीन लगाई और काम शुरू किया इससे वह रोजाना अखबार बेचा करते थे और एक बार रेलवे स्टेशन के ही मास्टर ने उनको टेलीग्राम के बारे में बताया था, उनसे प्रेरित होकर उन्होंने अगले कुछ वर्षों तक टेलीफोन ऑपरेटर के रूप में भी काम किया।
थॉमस एडिसन अमेरिका के इन ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के एक महान वैज्ञानिक रहे हैं। उन्होंने अविष्कारों के प्रति अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया और पूरे जीवन में अलग-अलग आविष्कार किए जिनकी सूची मैंने आपको ऊपर दी है। Thomas Edison ने universal stock printer की खोज भी की थी इन महान खोजों के बाद भी थॉमस एडिसन ने अपने कदम धीमे नहीं किए उन्होंने 1870 से लेकर 1876 तक अनेकों अविष्कार किए।
Thomas Edison को जितना नाम और पहचान बल्ब बनाने से मिली उतना किसी भी और अविष्कार से नहीं मिली क्योंकि थॉमस एडिसन ने यह साबित कर दिया था कि निरंतर प्रयासों से कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है। वह बल्ब बनाने में हजार बार फेल हुए और उनके हजार कांसेप्ट फेल होने के बाद जाकर आखिर में बल्ब बना। लेकिन थॉमस एडिसन का साहस और धैर्य इतना मजबूत था, कि बार-बार असफल होने के बाद भी थॉमस एडिसन नहीं रुके और आखिर में अपने काम को सिरे लगाकर ही छोड़ा।
काफी मेहनत करने और हजारों तरीके अपनाने के बाद आखिर में1878 वह साल था जब उन्होंने आखिरकार बल्ब बना लिया था, उनके द्वारा बनाया गया यह एकमात्र ऐसा बल्ब था जो 40 घंटे तक जलता रहा लेकिन इसमें कोई भी खामी नहीं आई। और इस प्रकार उन्होंने दुनिया को एक ऐसी चीज दे दी जिसने दुनिया बदल दी और थॉमस एडीशन लोगों के लिए एक उदाहरण भी बन गए।
अब आपको पता चल गया होगा कि बल्ब का आविष्कार किसने किया था और कब तो कैसा लगा आपको आज का यह आर्टिकल इस आर्टिकल में हमने बल्ब बनने की पूरी प्रक्रिया देखी है और जाना है कि बल्ब का आविष्कारक कौन है यहां पर मैंने बल्ब बनाने की रोचक कहानी भी बताई और बल्ब बनाने वाले वैज्ञानिक थॉमस एडिसन के बारे में भी थोड़ी बहुत जानकारी दी है। आशा करूंगा कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी और आप इसे अपने करीबी साथियों के साथ जरूर साझा करें।
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