आज के खास आर्टिकल में हम जानेंगे डीमैट अकाउंट क्या होता है और कैसे खोलें इसके साथ साथ हम और भी बहुत सी चीजों के बारे में जानेंगे जैसे कि डीमैट अकाउंट कैसे खोला जाता है इस अकाउंट के क्या उपयोग हैं डीमैट अकाउंट के क्या फायदे हैं आज हम इस आर्टिकल में डीमैट खाता के विषय के ऊपर विस्तार से चर्चा करेंगे उम्मीद करता हूं आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आएगा। कुछ साल पहले किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने और बेचने के लिए काफी पेपरवर्क करना होता था।
लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं आज अधिकतर चीजें डिजिटल हो गयी हैं और अब किसी कंपनी का शेयर खरीदने या बेचने के लिए काफी सारी ऑनलाइन फैसिलिटीज आ गयी हैं और अब यह इतना आसान हो गया है कि कोई भी आम आदमी इसमें निवेश कर सकता है।
हालाकि पेपरवर्क आज भी होते हैं लेकिन सब ऑनलाइन सर्वर पर सेव रहते हैं तो जब भी आप कोई शेयर खरीदते हैं तो उसके लिए आपको सेविंग और करंट अकाउंट से अलग एक डीमैट अकाउंट बनाना होगा तो यह डीमैट अकाउंट क्या होता है यह जानना आपके लिए जरुरी हो जाता है। तो यह आर्टिकल बहुत ही मजेदार होने वाला है इसलिए आर्टिकल के आखिर तक बने रहिएगा तो चलिए दोस्तों ज्यादा वक्त ना लेते हुए आर्टिकल को जल्दी से जल्दी शुरू करते हैं और देख लेते हैं।
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डीमैट अकाउंट क्या होता है
Demat Account का प्रयोग लोगों द्वारा शेयरों को खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है जिस प्रकार लोग अपना पैसा बैंक खाते में रखते हैं, उसी प्रकार शेयर को डीमैट खाता में रखा जाता है, डीमैट अकाउंट को खोपने के लिए आपके पास पैन कार्ड होना जरूरी है।
जब भी आप अपने बैंक खाते से पैसे निकालते हैं तब वे आपको भौतिक रूप में मिलते हैं पर जब तक वे पैसे बैंक में होते हैं, वे डिजिटल करेंसी के रूप में होते हैं। जब भी आप डेबिट कार्ड से कहीं पेमेंट करते हैं तो इससे आप Digital Payment यानी Electronic Money Transfer का ही एक प्रारूप उपयोग करते हैं।
इसी तरह जब आपके पास डीमैट अकाउंट में शेयर होता है तब आप उसे किसी दूसरे व्यक्ति के डीमैट अकाउंट में digitally ट्रांसफर कर सकते हैं और ऐसे में आपको शेयर को भौतिक रूप में रखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
दूसरे शब्दों में कहा जाए तो डीमैट एक प्रकार की सुविधा है जहां शेयर को Digitally यानी इलेक्ट्रिक रूप में रखा जाता है। Demat का पूरा नाम Dematerialize होता है सिक्योरिटीज यानी की शेयर आदि को भौतिक रूप में बदलने की प्रक्रिया को dematerialization कहते हैं।
जैसा कि मैंने आपको पहले बताया कि जब आप पुराने समय में कोई शेयर खरीदते थे तब आपको कंपनी द्वारा उस शेयर से जुड़े दस्तावेज भेजे जाते थे। वह उस बात का सबूत होता था कि अपने कंपनी के शेयर में निवेश कर रखा है।
यानी जब आप कंपनी का कोई शेयर बेच देते थे तब दस्तावेज सबसे पहले कंपनी के दफ्तर पहुंचता था वहां कंपनी देखती थी कि जब आपने शेयर बेचा था तब उसका क्या भाव था और उसी के अनुसार आपको पैसा दिया जाता था यह प्रक्रिया काफ़ी जटिल होने के साथ साथ काफी समय भी बर्बाद करती थी इसलिए ज्यादातर लोग शेयर में निवेश करने से बचते थे।
लेकिन आज के समय में दुनिया ने काफी तरक्की कर ली है आपके शेयर खरीदने के कुछ ही समय के अंदर आपका पैसा आपके खाते में आ जाता है आजकल तो आप बिना कंप्यूटर के सीधे अपने मोबाइल से भी शेयर को खरीद और बेच सकते हैं।
डीमैट अकाउंट जरूरी क्यों है
Securities and Exchange Board of India (SEBI) द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के अनुसार शेयरों को डीमैट के अलावा किसी अन्य रूप में खरीदा या बेचा नहीं जा सकता इसलिए अगर आप share market से स्टॉक को खरीदना या बेचना चाहते हो तो आपके पास डीमैट अकाउंट होना आवश्यक है।
डीमैट अकाउंट कैसे खोलें
आज हम आपको डीमैट अकाउंट खोलने के दो तरीकों के बारे में बताएंगे
डीमैट अकाउंट खोलने का ऑफलाइन तरीका
- सेबी (SEBI) के साथ मिलकर रजिस्टर्ड डिपोजिटरी सहभागी चुनें, निर्णय लेने से पहले आप उनकी सेवाओं और लागू शुल्क की भी तुलना कर सकते हैं।
- संबंधित आवेदन पत्र भरिए।
- आवश्यक केवाईसी दस्तावेज प्रदान कराएं, जिसमे पैन कार्ड विवरण, एड्रेस प्रूफ, बैंक खाता विवरण, पहचान पत्र, जनसांख्यिकीय विवरण शामिल हों, लेकिन यह सीमित नहीं होना चाहिए।
- आपके द्वारा चुने गए डिपोजिटरी प्रतिभागी के प्रतिनिधि के द्वारा की गई इन-पर्सन वेरिफिकेशन प्रक्रिया के दौरान मूल kyc दस्तावेज प्रदान कीजिए।
- उसके बाद आपको खाता खोलने का शुल्क, खाता रखरखाव शुल्क जैसे शुल्क की सूची के साथ एक डीमैट अकाउंट के संबंध के संचालन के संबंध में नियमों और विनियमों (rules and regulations) की सूची प्रदान की जाएगी।
- वेरिफिकेशन पूरी होने के बाद आपको अपना एक खाता विवरण मिलेगा और उसके बाद आपका खाता खुल जाएगा।
डीमैट अकाउंट खोलने का ऑनलाइन तरीका
- सबसे पहले तो आप डिपोजिटरी प्रतिभागी का चयन कीजिए।
- उसके बाद डीमैट अकाउंट खोलने के लिए किसी आधिकारिक वेबसाइट या आप पर जाएं और मौलिक जानकारी का फार्म भरें।
- उसके बाद आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी (otp) प्राप्त होगा, उसे भरें।
- फिर आप अपने जरूरी दस्तावेज को अपलोड कीजिए।
- अब आपका डीमैट अकाउंट सुचारू रूप से चलने के लिए तैयार है।
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए क्या चाहिए
- पैन कार्ड
- पहचान पत्र (उदाहरण-ड्राइविंग लाइसेंस)
- एड्रेस प्रूफ (जैसे कि पासपोर्ट)
- इनकम प्रूफ
- प्रूफ ऑफ बैंक डॉक्यूमेंट (जैसे कि कैंसेल्ड चेक)
- 1 से 3 पासपोर्ट साइज फोटो
- आरंभिक डिपॉजिट चेक
डीमैट अकाउंट काम कैसे करता है
आपके शेयर खरीदने पर ब्रोकर द्वारा डीमैट अकाउंट में शेयर को क्रेडिट कर दिया जाता है और यह आपके होल्डिंग के विवरण में दिखने लगता है अगर आप इंटरनेट आधारित प्लेटफार्म से अपना व्यापार करते हैं तो आप अपनी होल्डिंग्स को ऑनलाइन देख सकते हैं, विशेष रूप से ब्रोकर द्वारा शेयरों को T+2 पर क्रेडिट कर दिया जाता है जो कि ट्रेडिंग डे +2 दिन बाद होती है।
जब आप शेयर बेचते हैं तब आपको अपने ब्रोकर को डिलीवरी निर्देश देने होते हैं जिसमें आपको बिके हुए स्टॉक के बारे में विवरण देना होता है। आपके अकाउंट में शेयर डेबिट हो जाता है और आप बाइक हुए शेयरों के लिए पैसों का भुगतान करते हैं अगर आप इंटरनेट से भुगतान करेंगे तो आपके खाते में शेयरों का डेबिट और राशि का क्रेडिट अपने आप ही दिखने लग जाएगा।
भारत में दो डिपोजिट्री हैं National Securities Depository Limited (NSDL) और Central Depository Services Limited (CDSL), जिनके द्वारा विभिन शेयर डिपोजिटरी प्रतिभागियों (जैसे बैंक, ब्रोकिंग फर्म, वित्तीय स्थान) को एक डीपी आईडी (डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट आइडेंटिफिकेशन) नंबर सौंपा जाता है।
डीमैट अकाउंट के कितने प्रकार हैं
डीमैट अकाउंट तीन प्रकार के होते हैं
1. रेगुलर डीमैट अकाउंट यह एक स्टैंडर्ड डीमैट अकाउंट होता है, जब आप स्टॉक मार्केट में नई एंट्री करते हैं तब आपका रेगुलर डीमैट खाता बनाया जाता है। जिसमें कोई भी इंडियन इंवेस्टर या ट्रेडर देश में ही रहकर शेयरों की खरीद फरोख्त कर सकता है आप ये रजिस्टर्ड ब्रोकर या ब्रोकिंग फर्म के जरिए खुलवा सकते हैं और किसी भी डिपॉजिट्री (NSDL/CDSL) में खुलवा सकते हैं।
2. रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट यह अकाउंट NRI को विदेश में फंड ट्रांसफर करने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, हालांकि, नियमित डीमैट अकाउंट धारकों के विपरीत, प्रत्यावर्ती डीमैट अकाउंट धारकों को डीमैट अकाउंट के साथ अपने NRI (अनिवासी बाहरी) अकाउंट को लिंक करना होता है और अगर कानून इसे स्वीकारता है तो सरकार फंड के ट्रांसफर को कोई बाधा नहीं पहुंचती है।
3. नॉन रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट NRI के लिए उपलब्ध दूसरा डीमैट अकाउंट विकल्प है, NRI की स्थिति प्राप्त करने से पहले नियमित डीमैट वाले इन्वेस्टर बिना किसी शेयर के भारत छोड़ने के बाद नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट कैटेगरी में ट्रांसफर कर सकते हैं या नए अकाउंट को पूरी तरह से खोलने का विकल्प चुन सकते हैं और इसे प्रभावी रूप से कार्य जारी रखने के लिए एक संबंधित NRO बैंक खाते की आवश्यकता पड़ेगी।
डीमैट अकाउंट के उपयोग
आज के समय में भी कई लोग डीमैट अकाउंट के उपयोग से वाकिफ नहीं हैं इसलिए आज हम डीमैट खाते के क्या उपयोग हैं इसके ऊपर प्रकाश डालेंगे तो आईए जानते हैं डीमैट अकाउंट के उपयोग।
1. सुरक्षित होल्डिंग
डीमैट अकाउंट का सबसे बड़ा उपयोग है कि यह आपके कीमती वित्तीय प्रतिभूतियों को राष्ट्रीय डिपॉजिटरी के सुरक्षा दायरे में रखता है, यह आपको आश्वासन देता है कि आपके शेयर और स्टॉक एक केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक स्थान में सुरक्षित हैं जहां बहुत अधिक एनक्रिप्शन की सुरक्षा लगी हुई होती है।
2. डिमैटेरियलाइजेशन
अगर निवेशक अपने शेयर, स्टॉक, बॉन्ड या अन्य निवेश का भौतिक रिकॉर्ड इलेक्ट्रिक रूप में बदलना चाहता है, तो वह डिमैटेरियलाइजेशन का रास्ता अपना सकता है। इससे इन्वेस्टर को जरूरी शेयर सर्टिफिकेट की हानि, सर्टिफिकेट ट्रांसफर परिणाम में देरी जैसी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है डिमैटेरियलाइजेशन की प्रक्रिया निवेशक को कड़ी सुरक्षा और सुविधा के साथ लचीलापन भी प्रदान कराती है।
3. निवेश अंतरण
एक डीमैट अकाउंट वित्तीय प्रतिभूतियों को एक खाते से दूसरे खाते में स्थानांतरित करने की सुविधा प्रदान करता है निवेशक को बस अपने निवेश की संपूर्ण और सटीक जानकारी डिलीवरी स्लिप निर्देश पर दर्ज करनी होती है और उसे स्थानांतरण की सुविधा मिल जाती है प्रतिभूतियों के प्रकार पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है और उन्हें खाते से दूसरे खाते में स्थानांतरित किया जा सकता है।
4. ऋण का लाभ उठाना
ऋण के लिए आवेदन करते समय इन्वेस्टर की होल्डिंग्स को एक सहायक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, कार, घर या आभूषण जैसी भौतिक संपत्तियों की तरह ही आपके डीमैट खाते में किया गया निवेश, आप ऋण अवधि के दौरान एक सुरक्षा के रूप में काम करता है।
5. कॉरपोरेट क्रियाएं
आपके सभी निवेश जैसे कि शेयर, स्टॉक, बॉन्ड को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है तब एक बोनस जारी किया जाता है और यह सीधे अपनी प्रतिभूतियों की स्थिति को प्रभावित करता है। डीमैट अकाउंट यह सुनिश्चित करता है कि कंपनी द्वारा किए परिवर्तनो के अनुसार डीमैट प्रतिभूतियों को अपडेट किया जाए।
6. ई लेन-देन
एनएसडीएल निवेशक/खाताधारक को ऑनलाइन लेन-देन की अनुमति देता है और लेन देन को बंद करने हेतु अपने संबंधित डिपॉजिटरी प्रतिभागी को ई-पर्ची जमा कराता है इससे इन्वेस्टर के लिए बिना कोई देरी के लेन-देन करना आसान हो जाता है।
7. खाता फ्रीज करना
कल्पना कीजिए आपने अपने शेयर प्रमाण पत्रों की भौतिक प्रतियों को खो दिया है इस नुकसान की कंपनी को सूचना देना, शिकायत दर्ज करना, प्रतियां फिर से इश्यू करवाना, आदि यह एक जटिल प्रक्रिया होती है लेकिन डीमैट खाते के साथ गलती होने या अपनी प्रतियों को खो देने की कोई चिंता नहीं है यहां तक कि आपको अगर अपने निवेश को फ्रीज करना पड़ जाए, तो आप इसे अस्थायी रूप से डीमैट अकाउंट को फ्रीज कर सकते हैं।
डीमैट अकाउंट के फायदे
वैसे तो डीमैट अकाउंट के बहुत फायदे हैं लेकिन आइए जान लेते हैं डीमैट अकाउंट के कुछ प्रमुख फायदों के बारे में
- शेयरों को डीमैट अकाउंट के माध्यम से खरीदने या बेचने के बाद उनकी चोरी होने का खतरा न के बराबर रहता है क्योंकि सभी शेयर्स इलेक्ट्रॉनिक यानी डिजिटल माध्यम में सुरक्षित होते हैं।
- पहले के समय शेयर्स को बेच पाना बहुत ही मुश्किल हुआ करता था आप उस समय शेयर्स को केवल समूह में ही बेच पाते थे लेकिन आज के समय में ऐसा नहीं है अब आप डीमैट अकाउंट के जरिए मात्र 1 शेयर को भी बेच या खरीद सकते हैं।
- पहले के समय में शेयर्स को स्थानांतरित करने के लिए बहुत समय लगता था कभी कभी तो इसमें महीनों भर का समय लग जाता था लेकिन अब ऐसा नहीं है आप तुरंत ही डीमैट अकाउंट के जरिए शेयर्स का ट्रांसफर कर सकते हैं और भेजने के कुछ समय बाद ही ये दूसरे व्यक्ति के खाते में दिखने लग जाते हैं।
- पहले के समय में शेयर्स के लिए प्रमाणपत्र हुआ करते थे परंतु आज के समय में आप अपने डीमैट अकाउंट/डीमैट खाते को व्यक्तिगत रूप से मनोनीत भी कर सकते हैं।
- आपको लेन देन करने के लिए फालतू कागज कारवाई की जरूरत नहीं पड़ती।
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए कितने रुपए लगते हैं
डीमैट अकाउंट खोलने के शुल्क खाता खोलने के समय डीपी (डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट) द्वारा चार्ज किए गए नाममात्र शुल्क हैं, डीपी बैंक, फर्म आदि के आधार पर, जिसके साथ आप काम कर रहे हैं, शुल्क अलग अलग चार्ज करते हैं डीमैट खाता खोलने के समय बैंक 700 से 900 रुपये के बीच चार्ज करते हैं आजकल कुछ डीपी शुल्क को पूरी तरह से माफ कर देते हैं।
तो दोस्तों कैसा लगा आपको हमारा यह आर्टिकल इसमें हमने जाना कि डीमैट अकाउंट क्या होता है और कैसे खोलें इसके साथ साथ हमने यह भी जाना कि डीमैट अकाउंट कैसे खोलें दोस्तों इस आर्टिकल में हमने डीमैट अकाउंट के ऊपर विस्तार से चर्चा की है। आशा करता हूं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा और इसमें दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। अगर आपको अभी भी कुछ समझ नहीं आया है या आप Demat Account के बारे में कुछ और जानकारी जानना चाहते हैं तो आप आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं
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