घड़ी का आविष्कार किसने किया था Who Invented Watch in Hindi

Ghadi Ka Avishkar Kisne Kiya Tha Aur Kab Kiya Tha जैसा कि हम सभी जानते है कि आज के समय हमारी जिंदगी में घड़ी की काफी अहमियत है क्योंकि सुबह उठने के साथ ही हम समय को देखते हैं और इसी समय के साथ हमारा दिन भी गुजर जाता है। छोटा आदमी हो या कोई बड़ा बिजनेसमेन सभी अपना काम समय के हिसाब से करते हैं और समय को देखने के लिए लोग वॉच का सहारा लेते हैं।

आज घड़ी डिजिटल हो गयी है लेकिन यहाँ तक पहुँचने के लिए घड़ी को सैकड़ों साल लग गए हैं। आज आप जो भी वॉच देखते हैं वह शुरुआत में ऐसी नहीं इसे काफी बदलावों के बाद ऐसा बनाया गया है किसी ने पहले घंटे वाली तो किसी ने मिनिट वाली घड़ी को बनाया था इस तरह इसका निर्माण कई चरणों में हुआ है।

क्या आपको पता है जब से मनुष्य में सोचने समझने की शक्ति आई है तब से ही मनुष्य समय की गणना करता आ रहा है दरअसल प्राचीन काल में मनुष्य समय देखने के लिए सूर्य की रौशनी का इस्तेमाल करता आ रहा है हालाकि आपको Ghadi Ka Avishkar Kisne Aur Kab Kiya Tha यह जानना भी आवश्यक है।

घड़ी का आविष्कार किसने किया था

दरअसल आज घड़ी एक ऐसी चीज है जिसकी जरुरत लगभग सभी लोगो को है सुबह उठने के साथ ही हमें समय देखने की जरुरत पड़ती है जिसके लिए हम अलग अलग तरह की घड़ियों का इस्तेमाल करते हैं तो चलिए जानते हैं घड़ी की खोज किसने की थी उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपको पसंद आएगा।

घड़ी का आविष्कार किसने किया था

आपको बता दे घड़ी का आविष्कार जर्मनी के न्यूरमबर्ग शहर में Peter Henlein ने सन 1505 में किया था यह ऐसी वॉच थी जिसे लोग अपने साथ ले जा सकते थे और यह बिलकुल आज की तरह सटीक समय बताती थी। इस घड़ी को आज भी काफी अच्छी तरह से संभाल कर रखा गया है जिसे आप म्यूजियम में देख सकते हैं। पीटर हेनलेन की बनाई घड़ी की तकनीक का उपयोग करके आज की एडवांस वॉच बनाई गयी हैं।

घड़ी का आविष्कार किसने किया था

चुकीं पीटर हेनलेन की बनाई घड़ी को लोग अपने साथ पॉकेट में रखकर ले जा सकते थे लेकिन इसमें एक समस्या आ रही थी क्योंकि समय को देखने के लिए इसे बार बार पॉकेट से निकालना पड़ता था। इसी समस्या को खत्म करने का विचार फ़्राँसीसी गणितज्ञ और दार्शनिक ब्लेज़ पास्कल को आया क्योंकि इन्होंने हाथ में पहनने वाली घड़ी को विकसित किया था यह वहीं ब्लेज पास्कल हैं जिन्होंने कैलकुलेटर का भी आविष्कार किया था।

सन 1650 तक लोग वॉच को जेब में रखकर घूमते थे लेकिन इसके बाद ब्लेज पास्कल ने इसी घड़ी को हाथ में बांधने के काबिल बना दिया और यह प्रयास लोगो के अभी तक काम आ रहा है। भले ही आज हमारे पास एडवांस डिजिटल घड़ियाँ हैं लेकिन उन्हें भी हाथ में ही पहना जाता है और हाथ में पहनने वाली इन घड़ियों का विचार ब्लेज पास्कल को आया था।

भारत में घड़ी का आविष्कार कब हुआ था

सैकड़ों साल पहले भारत में अंग्रेजी हुकूमत से पहले 18वीं शताब्दी की शुरुआत में जयपुर के महाराजा जय सिंह द्वितीय ने जयपुर, नई दिल्ली, उज्जैन, मथुरा और वाराणसी में कुल मिलाकर पांच जंतर मंतरों का निर्माण कराया था। इनका निर्माण 1724 और 1735 के बीच पूरा कर दिया गया था यह सभी सूर्य की रोशनी से समय बताते हैं।

बात करे पीटर हेनलेन के द्वारा बनाई गयी घड़ी की तो यह एक डिब्बी के आकार की थी जिसे आप फोटो में देख सकते हैं। इसके निचले हिस्से में छोटे छोटे कलपुर्जे लगे हुए हैं जबकि ऊपरी हिस्सा एक ढक्कन से ढका रहता है जिसे खोला और बंद किया जा सकता है। यह घड़ी तांबे और सोने की बनाई गयी थी जिसकी वर्तमान कीमत 3 से 5 करोड़ यूरो आंकी जाती है।

पेंडुलम घड़ी का आविष्कार किसने किया

पेंडुलम घड़ी का आविष्कार Christiaan Huygens ने सन 1656 में किया था क्रिश्चियेन हाइगेंस का जन्म 14 अप्रैल 1629 को नीदरलैंड के हेग नामक स्थान पर हुआ था इनके पिता कांसटेंटिन हाइगेंस एक जाने माने व्यक्ति थे इससे Christiaan Huygens को बचपन से ही उत्कृष्ट वातावरण मिला था।

क्रिश्चियेन हाइगेंस सत्रहवीं शताब्दी के श्रेष्ठ वैज्ञानिकों में से एक थे जिन्होंने पेंडुलम घड़ी का आविष्कार करके दुनिया में अपनी पहचान बना ली थी इनकी पेंडुलम घड़ी उस समय दुनिया की सबसे शुद्ध समयदर्शी तंत्र था वैसे आज भी पेंडुलम घड़ी का उपयोग किया जाता है लेकिन वर्तमान में पेंडुलम घड़ी को सजावटी सामान के तौर पर रखा जाता है।

घड़ी आविष्कार से पहले पुराने समय में समय कैसे देखते थे

बहुत से लोग सोच रहे होंगे कि जब घड़ी का आविष्कार हुआ ही नहीं था तब लोग समय कैसे देखते थे तो इसके लिए प्राचीन काल में लोग सूर्य की रोशनी का सहारा लेते थे। जबकि बरसात में जब सूर्य नहीं निकलता था तब लोग पानी से भी समय का अनुमान लगा लेते थे।

पानी वाली घड़ी के आविष्कार का श्रेय चीन के सु संग नामक व्यक्ति को जाता है लेकिन यह प्रभावी नहीं हुआ करती थी क्योंकि इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं ले जा सकते थे। ऐसे में इन्वेन्टर को पोर्टेबल वॉच बनाने का विचार आया जिसे लोग अपने साथ ले जाने के साथ कभी भी समय देख सके।

आज की आधुनिक घड़ी जिसे हम कहीं भी ले जा सकते हैं उसका श्रेय ब्लेज़ पास्कल को जाता है आज हम जिस घड़ी को हाथ में पहनते हैं उसको बनाने का आइडिया ब्लेज़ पास्कल को ही आया था और इसका इन्होने सफलतापूर्वक आविष्कार भी किया था।

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FAQs – दीवार घड़ी का आविष्कार किसने किया था

घड़ी की खोज किसने की थी?

दुनिया की पहली घड़ी की खोज Peter Henlein ने की थी इनकी घड़ी की तकनीक को इस्तेमाल करके आज प्रीमियम और लग्जरी घड़ी बनायी जाती हैं।

दुनिया की पहली घड़ी कौन सी है?

दुनिया की पहली घड़ी को ‘पोमैंडर वॉच ऑफ 1505’ या ‘वॉच 1505’ के नाम से जाना जाता है और इसे आविष्कारक पीटर हेनलेन ने बनाया था।

दुनिया की सबसे महंगी घड़ी कौन सी है?

दुनिया की सबसे महंगी घड़ी ग्रैफ डायमंड्स हैल्यूसीनेशन है इसकी कीमत 400 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है इस घड़ी में 110 कैरेट के दुर्लभ हीरे लगे हैं जो इसे इतना महंगा बनाते हैं।

घड़ी कितने प्रकार की होती हैं?

घड़ी दो प्रकार की होती है पहली एनालॉग और दूसरी डिजिटल आज की डिजिटल दुनिया में ज्यादातर डिजिटल घड़ियों का उपयोग किया जा रहा है और एनालॉग घड़ियों का उपयोग अक्सर सजावटी सामान के रूप में रखा जाता है।

सबसे महंगा घड़ी ब्रांड कौन सा है?

दुनिया में घड़ी के लिए रोलेक्स ब्रांड सबसे ज्यादा लोकप्रिय है क्योंकि यह काफी प्रीमियम और लग्जरी घड़ी बनाता है इनकी घड़ियों की कीमत लाखों से शुरू होकर करोड़ों तक पहुँच जाती है।

निष्कर्ष

तो अब आप जान गए होंगे कि Ghadi Ki Khoj Kisne Kiya यह मनुष्य के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है जो इतिहास वर्तमान और भविष्य सभी समय पर काम आएगी वॉच मनुष्य के लिए इतनी महत्वपूर्ण हो गयी है कि लोग इसके बिना घर से नहीं निकलते।

आज के समय हमारे पास घड़ी का आधुनिक रूप स्मार्ट वॉच है जो समय बताने के अलावा मोबाइल, हेल्थ आदि की भी जानकारी देती हैं। आज के समय काफी चीजे विकसित कर ली गयी हैं जो पहले महज एक सपना हुआ करती थी उन्हीं में से एक घड़ी है जिसे पहले सूर्य से पता लगाया जाता था लेकिन इसके विकसित रूप में हम कभी भी कही भी समय देख सकते हैं।

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