इस आर्टिकल में जानेंगे विधायक और MLA कौन होता है हिंदी में अगर आप एक भारतीय हैं तो आपने फिल्म या टीवी में एक डायलॉग जरुर सुना होगा। चाचा विधायक हैं हमारे और इसे सुनते ही ट्रैफिक पुलिस भी गाड़ी बाइक को छोड़ देती है। तो ऐसे में आप भी जानना चाहते होंगे कि आखिर MLA पद में कितनी पावर होती है जिससे पुलिस भी डरती है। तो आज के पोस्ट में हम आपको एमएलए के कार्य और और इसकी चुनाव प्रक्रिया बताने जा रहे हैं। MLA जिसे विधायक भी कहते हैं राजनीति से जुड़ा ऐसा पद होता है जो किसी छेत्र का मुखिया माना जाता है।
हमारे देश भारत में प्रशासनिक इकाई को चलाने के लिए कार्य प्रणाली को तीन भागो में विभाजित किया गया है। पहला केंद्र सरकार होती है जो पूरे देश के स्तर पर काम करती है। दूसरी राज्य सरकार होती है जो अपने राज्य स्तरीय काम करती है। जबकि तीसरी पंचायत और नगरपालिका होती हैं जो अपने स्थानीय स्तर पर कार्य करती है। हालाकि इन तीनों स्तर में प्रशासन का कार्य करने का तरीका अलग अलग होता है। लेकिन इन सभी में एक चीज समान होती है और वह चुनाव है। सभी स्तर के पदाधिकारी जनता के वोट द्वारा चुने जाते हैं MLA को भी वोटिंग से चुना जाता है।
विधायक और MLA कौन होता है
MLA का फुल फॉर्म Member of Legislative Assembly होता है। जिसे हिंदी में विधायक (विधानसभा सदस्य) कहते हैं। एमएलए विधानसभा का सदस्य होता है जिसे किसी निर्वाचन क्षेत्र की जनता की वोटिंग के आधार पर चुना जाता है। विधानसभा में अनेक विधायक होते हैं और इन्हीं विधायकों में से किसी एक को राज्य स्तर के मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया जाता है।
हमारे देश में जनसँख्या के आधार पर राज्यों को अलग अलग निर्वाचन छेत्र के आधार पर विभाजित किया गया है। और भारत के सभी राज्यों में अलग अलग समय पर पांच वर्ष वाद चुनाव होते हैं। किसी एक निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार की संख्या निश्चित नहीं होती मतलब एक निर्वाचित छेत्र में कितने भी उम्मीदवार चुनाव के लिए खड़े हो सकते हैं।
इन सबके अलावा उम्मीदवार किसी राजनीतिक पार्टी का भी हो सकता है और नहीं भी क्योंकि इसमें स्वतंत्र व्यक्ति भी चुनाव लड़ सकता है। जो भी व्यक्ति बिना राजनीतिक पार्टी से लड़ता है उसे निर्दलीय उम्मीदवार कहते है। इस चुनाव में जो भी उम्मीदवार जनता के वोट से जीत जाता है वह अपने निर्वाचन क्षेत्र का विधायक बन जाता है।
विधायक या MLA बनने की योग्यता
हर पद की तरह विधायक बनने में भी उम्मीदवार में कुछ जरुरी योग्यता होनी चाहिए। जैसे उसे भारत का नागरिक होना आवश्यक है। उसकी उम्र 25 वर्ष से अधिक होना चाहिए, किसी भी निर्वाचन छेत्र का मतदाता होना चाहिए और उम्मीदवार पागल या दिवालिया घोषित नहीं होना चाहिए।
- MLA पद के उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना आवश्यक है।
- उम्मीदवार की आयु 25 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- उसे किसी निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए।
- उम्मीदवार पागल और दिवालिया घोषित नहीं होना चाहिए।
एक विधायक का कार्य क्या होता है
किसी छेत्र में विधायक पद को इसीलिए चुना जाता है ताकि वह अपने छेत्र की जनता की समस्याओं का समाधान करें। अगर वह समाधान करने में असमर्थ है तो उसे राज्य सरकार तक ले जा सके। इसके साथ ही राज्य सरकार से जो भी फंड आता है उससे अपने क्षेत्र का विकास करे।
- चूँकि विधायक अपने छेत्र जनता से सीधा जुड़ा हुआ होता है ऐसे में उनकी समस्याओं का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्य सरकार तक ले जाता है।
- अपने निर्वाचन क्षेत्र को विकसित करने के लिए स्थानीय क्षेत्र विकास (LAD) फंड का सही से उपयोग करना चाहिए
- अपने निर्वाचन क्षेत्र का विकास करना चाहिए।
- MLA की कई ख़ास भूमिका होती हैं जैसे नए कानून की योजना बनाना, समर्थन या विरोध करना आदि।
- विधायक कैबिनेट मंत्री बन सकता है और विपक्षी आलोचक के रूप में भी काम कर सकता है।
MLA की सैलरी कितनी होती है
हर राज्य में MLA का वेतन अलग अलग होता है यह वेतन उन्हें विधायक निधि के अंतर्गत प्राप्त होता है। हर राज्य में विधायक निधि 1 करोड़ से 4 करोड़ प्रतिवर्ष दी जाती है इससे ही विधायकों का वेतन दिया जाता है। भारत में तेलंगाना राज्य के विधयाकों का वेतन सबसे अधिक लगभग 2.5 लाख मासिक है। जबकि त्रिपुरा राज्य के विधायकों को सबसे कम 34 हजार का मासिक वेतन दिया जाता है।
- तेलंगाना 2.5 लाख रु.
- दिल्ली 2.10 लाख रु.
- उत्तर प्रदेश 1.87 लाख रु.
- महाराष्ट्र 1.70 लाख रु.
- जम्मू और कश्मीर 1.60 लाख रु.
- उत्तराखंड 1.60 लाख रु.
- आंध्र प्रदेश 1.30 लाख रु.
- हिमाचल प्रदेश 1.25 लाख रु.
- राजस्थान 1.25 लाख रु.
- गोवा 1.17 लाख रु.
- हरियाणा 1.15 लाख रु.
- पंजाब 1.14 लाख रु.
- झारखंड 1.11 लाख रु.
- मध्य प्रदेश 1.10 लाख रु.
- छत्तीसगढ़ 1.10 लाख रु.
- बिहार 1.14 लाख रु.
- पश्चिम बंगाल 1.13 लाख रु.
- तमिलनाडु 1.05 लाख रु.
- कर्नाटक 98 हजार रु.
- सिक्किम 86.5 हजार रु.
- केरल 70 हजार रु.
- गुजरात 65 हजार रु.
- ओडिशा 62 हजार रु.
- मेघालय 59 हजार रु.
- पुडुचेरी 50 हजार रु.
- अरुणाचल प्रदेश 49 हजार रु.
- मिजोरम 47 हजार रु.
- असम 42 हजार रु.
- मणिपुर 37 हजार रु.
- नागालैंड 36 हजार रु.
- त्रिपुरा 34 हजार रु.
ऊपर दी गयी लिस्ट से आप जान सकते हैं कि आपके राज्य के विधयाकों को कितनी सैलरी मिलती है। इन सबके अलावा विधायक को बहुत सी सरकारी सुविधा फ्री मिलती है जैसे खर्च, रहने की सुविधा और ट्रेन में फ्री यात्रा आदि। अगर पांच साल का कार्यकाल बीते जाने के बाद वह अगला चुनाव हार जाता है तो उसे पेंशन के रूप में करीब 30 हजार रूपये मिलते हैं।
तो अब आप जान गए होंगे कि विधायक और MLA कौन होता है आपकी जानकारी के लिए बता दे उत्तरप्रदेश में सबसे अधिक 403 MLA और पुदुच्चेरी में सबसे कम 30 एमएलए हैं। इस तरह भारत के 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश में कुल 4120 विधायक हैं। आमतौर पर इससे जुड़े कई सवाल एग्जाम में भी पूछे जाते हैं ऐसे में यह जानकारी आपके लिए हेल्पफुल साबित होगी।
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