क्या आप जानते है Narco Test क्या है अगर आप नहीं जानते तो आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं कि Narco Test क्या होता है और इसे कैसे किया जाता है. आज के समय देश में अपराधियों की संख्या बढ़ती जा रही है हर दिन आपको न्यूज़ अख़बारों में अपराध की खबर सुनने को मिल जाएगी. सरकार भी अपराधों को कम करने के लिए पहले से ज्यादा कड़े नियम बना रही है.
पहले रेप के केस में बहुत कम बार मौत की सजा मिलती थी लेकिन अब रेप केस से जुड़े नए कानून आ गए हैं. जिनमें 12 साल से कम साल की बच्ची का रेप करने पर फांसी तक की सजा हो सकती है. देश में अगर ऐसे ही कड़े कानून आ गए तो अपराधी भी अपराध करने से पहले एक बार जरुर सोचेगा. खैर आज हम आपको Narco Test के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए जानते हैं.
Narco Test क्या है
कुछ अपराधी ऐसे होते है जो पुलिस के दवाब में अपना जुर्म कबूल सब कुछ सच सच बता देते है जबकि कुछ अपराधी ऐसे होते है जो किसी भी कीमत पर सच नहीं बताते हैं. तो ऐसे अपराधियों से सच उगलवाने के लिए Narco Test किया जाता है. आपको बता दे कि देश की क्राइम एजेंसी CBI भी अपने अपराधियों से सच उगलवाने के लिए इस टेस्ट का इस्तेमाल करती है.
इस टेस्ट के अंतर्गत अपराधी को कुछ दवाइयां दी जाती है. जिससे वो सच को सामने लाता है ऐसा नहीं है कि इस टेस्ट में अपराधी हर बार सच बता देता है कई केस में अपराधी बेहोशी की अवस्था में भी पहुँच जाता है. जिसके कारण सच का पता नहीं चल पाता है इस टेस्ट को इन्वेस्टीगेशन अधिकारी, डॉक्टर, फॉरेंसिक एक्सपर्ट, साइकोलॉजिस्ट आदि की मौजूदगी में किया जाता है.
Narco Test कैसे किया जाता है
इस टेस्ट में अपराधी या किसी व्यक्ति को ट्रुथ ड्रग नाम की एक साइकोएक्टिव दवा दी जाती है या फिर सोडियम पेंटोथोल का इंजेक्शन लगाया जाता है. इस दवा के असर होते ही व्यक्ति ऐसी अवस्था में पहुँच जाता है. जहां व्यक्ति पूरी तरह से बेहोश भी नहीं होता और पूरी तरह से होश में भी नहीं रहता है ये इन दोनों के बीच की स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति ज्यादा बोल नहीं पाता है. इन दवाइयों के असर से कुछ समय के लिए व्यक्ति के सोचने समझने की छमता खत्म हो जाती है.
इस स्थिति में उस व्यक्ति से प्रश्न पूछे जाते है और उसका एक टेस्ट लिया जाता है चुकीं व्यक्ति के सोचने समझने की छमता खत्म हो जाती है इस कारण वह सवालों का जबाव घुमा फिरा के भी नहीं दे सकता है यानी वह काफी हद तक सच बोलता है. आपको बता दे कि झूठ बोलने के लिए ज्यादा दिमाग का इस्तेमाल होता है जबकि सच बोलने के लिए कम दिमाग का इस्तेमाल होता है क्योंकि जो सच होता है वह आप आसानी से बता सकते हैं लेकिन झूठ बोलने के लिए दिमाग को इस्तेमाल करते हुए घुमा फिरा के बात बनानी पड़ती है.
आधी बेहोशी की अवस्था में आदमी न चाहते हुए भी सच बोल देता है और यही Narco Test का मुख्य काम होता है. यहां पर व्यक्ति से सच ही नहीं उगलवाया जाता बल्कि उसके शरीर की प्रतिक्रिया भी देखी जाती है. कई केस में सिर्फ यहीं पता करना होता है कि व्यक्ति उस घटना से जुड़ा हुआ है या नहीं. ऐसे केस में व्यक्ति को कंप्यूटर स्क्रीन के सामने लिटाया जाता है और उसे कंप्यूटर स्क्रीन पर विजुअल्स दिखाए जाते हैं.
पहले तो नार्मल विजुअल्स जैसे फूल पत्ते पहाड़ आदि दिखाया जाता है. इसके बाद उसे उस केस से जुड़ी तस्वीर दिखाई जाती है फिर व्यक्ति की बॉडी को रिएक्शन चेक किया जाता है. ऐसी अवस्था में अगर दिमाग और शरीर कुछ अलग प्रतिक्रिया देता है तो इससे पता चल जाता है कि व्यक्ति उस घटना या केस से जुड़ा हुआ हैं.
आपको बता दे कि Narco Test से पहले व्यक्ति का शारीरिक परिक्षण किया जाता है उसकी उम्र सेहत और जेंडर के आधार पर उसको नार्को टेस्ट की दवाइयां दी जाती है. कई बार दवाई के अधिक डोज के कारण यह टेस्ट फ़ैल भी हो जाता है इसलिए इस टेस्ट को करने से पहले कई जरुरी सावधानियां वरती जाती हैं.
तो अब आप Narco Test क्या है इसके बारे में जान गए होंगे. ये टेस्ट अपराधियों से सच उगलवाने में काफी मदद करता है और देश की लगभग सभी बड़ी क्राइम एजेंसी इसका प्रयोग करती है हालाकि कई केस में इस टेस्ट के दौरान दवाई के अधिक डोज के कारण व्यक्ति कोमा में जा सकता है या फिर उसकी मौत भी हो सकती है इस वजह से इस टेस्ट को काफी सोच विचार करने के बाद किया जाता है.
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Narco Test बहुत अच्छा है