क्या आपको पता है रेल की पटरी पर जंग क्यों नहीं लगती है नहीं पता तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं यदि आप भी आये दिन ट्रेन से सफर करते हैं तो पटरी को देखकर आपके दिमाग में एक सवाल जरुर आया होगा। रेल की पटरी पर जंग क्यों नहीं लगता आमतौर पर हम देखते हैं कि जितने भी लोहे की चीज होती है जिनमें अगर पेंट नहीं किया जाए तो अक्सर उनपर जंग लगने लगती है लेकिन रेल के ट्रैक पर किसी भी तरह का पेंट नहीं किया जाता है। और यह हमेशा खुले वातावरण में रहती हैं इसके बावजूद इनमें जंग का कोई ज्यादा असर दिखाई नहीं देता।
ट्रेन एक ऐसा साधन है जिसमें लगभग सभी आम लोगो ने सफर किया है लेकिन आज भी बहुत से लोग हैं जिनको रेल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। ट्रेन में ऐसी बहुत सी चीज हैं जिनके बारे में बहुत कम लोगो को पता होता है। जैसे रेल कितना एवरेज देती है और इसके डिब्बे के पीछे X का निशान क्यों होता है। ऐसे बहुत से सवाल है जिनके बारे में हम आपको बता चुके हैं और आगे भी आपको रेल से जुड़े दिलचस्प तथ्यों से रूबरू करवाएंगे। आज का सवाल जंग को लेकर है जिसे आपको आसान भाषा में बताने की कोशिश करेंगे।
रेल की पटरी पर जंग क्यों नहीं लगती है
दरअसल रेल की पटरी को बनाने में स्टील और मेंगलॉय का इस्तेमाल किया जाता है इनके मिश्रण को हेडफील्ड या मैंगनीज स्टील कहा जाता है इस मिश्रण में 12% तक मैंगनीज और 1% कार्बन होता है। स्टील में मौजूद इसी मिश्रण के कारण ट्रेन के ट्रैक का ऑक्सीकरण बहुत धीमी गति से होता है इस वजह से पटरी पर सालों साल जंग लगती ही नहीं है।
आप सोच कर देखिये अगर पटरी को आम लोहे से बना दिया जाए तो क्या होगा। चूँकि ट्रैक एक ऐसी चीज है जो हमेशा हवा और नमी के संपर्क में रहती है और आपने स्कूल में जरुर पढ़ा होगा कि बिना पेंट किये गए लोहे की कोई भी चीज जो हवा और नमी के संपर्क में रहती है उसमें जंग लगना शुरू हो जाता है। इसके फलस्वरूप अगर पटरी को भी आम लोहे से बना दिया जाए तो उसमे जंग लगना तय है।
इससे रेल की पटरी को बार बार बदलना पड़ेगा जिसका खर्च बहुत ज्यादा आएगा। यही वजह है कि पटरी को जंग प्रतिरोधक बनाने के लिए उसमें स्टील, मैंगनीज और कार्बन का उपयोग किया जाता है। जब रेल का आविष्कार हुआ था तब से ही वैज्ञानिक के पास ट्रैक को लेकर जंग लगने का बहुत बड़ा कारण था लेकिन उस समय भी साइंस ने इतनी तरक्की कर ली थी कि वह जंगप्रतिरोधक पटरी बना सके।
ऐसे में हमें ट्रेन के आविष्कार के साथ ही ऐसी ट्रैक देखने को मिलती है जिनमें जंग नहीं लगती है। जैसा कि आपको भी पता होगा कि भारत में ट्रेन की शुरुआत अंग्रेजों ने की थी और उस दौर में बनाई गयी रेल की पटरी आज भी अच्छे से काम कर रही है क्योंकि पहले से ही पटरी में जंगरोधक धातुओं का प्रयोग किया जा रहा है।
तो अब आप जान गए होंगे कि रेल की पटरी पर जंग क्यों नहीं लगती है वैसे बहुत से लोगो को लगता होगा कि ट्रेन के पहियों के घर्षण के कारण पटरी पर जंग नहीं लगती होगी लेकिन घर्षण तो सिर्फ ऊपर की सतह पर लगता है। जबकि साइड में किसी भी प्रकार का घर्षण नहीं होता ऐसे में यह कारण सही साबित नहीं होता है। हकीकत यही है कि ट्रैक को जंग प्रतिरोधक धातुओं से बनाया जाता है। जिससे पटरी को जंग से बचाने के लिए पेंट करने की भी जरुरत नहीं पड़ती है।
ये भी पढ़े –
- भारत का कौनसा राज्य कभी भी अंग्रेजों का गुलाम नहीं बना
- इस ऐप से जाने अपने नाम का मतलब
- एयरटेल सिम कंपनी का मालिक कौन है यहाँ जानिए
How can I get approval from adsense like your blog
KYA BAAT HAI SIR AAPNE BHUT ACHCHE SE JANKARI DIA
मैगजीन स्टील गुड इंफॉर्मेशन
Sir हर दिन 1 आर्टीकल Post कारो plzz 🙏🙏
पढ़ने से बहुत जानकारी मिलता हैं
I found your this post while searching for information about blog-related research … It’s a good post .. keep posting and updating information.thanks for posting this awesome article. thanku
Great article sir ji.