भारतीय क्रिकेट फेंस को वो दिन आज भी याद होगा जब टीम इंडिया ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में पहली बार t20 वर्ल्डकप जीता था. इस टूर्नामेंट में महेंद्र सिंह धोनी को भी नई पहचान मिली थी क्योंकि महेंद्र सिंह धोनी के लिए ये बड़ा टूर्नामेंट था और इसके बाद ही धोनी पूरी तरह टीम इंडिया के कप्तान बन गए थे. इसके 4 साल बाद यानी 2011 में धोनी की ही कप्तानी में टीम इंडिया ने वर्ल्डकप जीता था.
बता दे कि साल 2007 का t20 वर्ल्डकप का फाइनल मैच भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था जिसमें टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 5 विकेट खोकर 157 रन बनाये थे. ये मैच आखिरी ओवर तक काफी रोमांचित कर देने वाला था.
पाकिस्तान को इस मैच को जीतने के लिए आखिरी ओवर में 13 रन चाहिए थे और उनके पास केवल एक विकेट बच रहा था तभी महेंद्र सिंह धोनी ने आखिरी ओवर जोगिन्दर शर्मा को थमाया था. जिसे देख सब हैरान रह गए थे क्योंकि उस समय जोगिन्दर शर्मा को उतना अनुभव भी नहीं था.
जोगिन्दर शर्मा की पहली बॉल वाइड रही थी, जबकि दूसरी बॉल पर मिसबाह उल हक ने सिक्स लगा दिया था. अब पाकिस्तान को जीतने के लिए 4 बॉल पर सिर्फ 6 रन चाहिए थे तभी जोगिन्दर शर्मा ने मिसबाह को स्लो बॉल डाली और उसे खेलने से चूके मिसबाह शॉर्ट फाइन लेग पर श्रीसंथ को कैच थमा बैठे थे. और पाकिस्तान की टीम आलआउट हो गयी और भारतीय टीम पहली बार t20 वर्ल्डकप जीत गयी थी.
जोगिन्दर शर्मा t20 वर्ल्डकप के फाइनल मैच में हीरो बनकर उभरे थे लेकिन उनका क्रिकेट करियर लम्बा नहीं चल सका था. हालाकि जोगिन्दर शर्मा आईपीएल के शुरूआती सीजन में चेन्नई सुपरकिंग की तरफ से खेले थे लेकिन साल 2011 में उनका एक्सीडेंट हो गया था इसके बाद वह क्रिकेट नहीं खेल पाए थे हालाकि ठीक होने के बाद उन्होंने डोमेस्टिक क्रिकेट खेला था.
इस बीच हरियाणा की सरकार ने जोगिन्दर शर्मा की मदद करते हुए 21 लाख रूपये का इनाम दिया था और साथ ही हरियाणा पुलिस में डीसीपी की नौकरी का ऑफर भी दिया था जिसके बाद अब वो हरियाणा पुलिस में डीसीपी का कार्यभार संभाल रहे हैं.
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