आज हम आपको Trademark क्या है इसके बारे में बताने जा रहे हैं अगर आप नहीं जानते कि Trademark क्या होता है तो बने रहिये हमारे साथ इस पोस्ट में हम आपको ट्रेडमार्क के बारे में समझाने की कोशिश करेंगे तो आपने ये शब्द कई बार सुना होगा लेकिन अभी तक आपको इसका मतलब पता नहीं होगा वैसे अगर आप कोई नया बिजनेस शुरू करना चाहते है तो आपको Trademark की जानकारी होना आवश्यक है क्योंकि ये आपके बिजनेस में बहुत काम आने वाला है तो चलिए जानते हैं.

Trademark क्या है
आपको बता दे कि Trademark किसी नाम या वर्ड, सिम्बल, टेगलाइन, लोगो (LOGO) और डिजाइन आदि का किया जाता है. ट्रेडमार्क TM और R के रूप में एक प्रतीक होता है जिसे देखकर कोई भी कह सकता है कि इस वर्ड, सिम्बल या लोगो का ट्रेडमार्क हो चुका है अब कोई भी उस वर्ड, सिम्बल, लोगो का अपने व्यवसाय लाभ में उपयोग नहीं कर सकता है. अगर कोई व्यक्ति या कम्पनी ऐसा करती है तो उसे पैसे देकर इसकी कीमत चुकानी पड़ती है.
ट्रेडमार्क क्यों करवाया जाता है तो जैसा कि हमने आपको बताया कि Trademark किसी वर्ड, सिम्बल, टेगलाइन, लोगो और डिजाइन आदि का किया जाता है उदाहरण के तौर पर जैसे सचिन तेंदुलकर ने अपने नाम SRT का ट्रेडमार्क करवाया हुआ है इसका मतलब ये हुआ कि अब कोई भी सचिन तेंदुलकर की मर्जी के बिना उनका नाम कोई भी व्यावसायिक लाभ के लिए प्रयोग नहीं कर सकता है.
इसी तरह बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख़ खान ने भी अपने नाम SRK का ट्रेडमार्क करवाया हुआ है अब कोई भी शाहरुख़ खान की अनुमति के बिना उनका नाम अपने व्यवसाय लाभ में प्रयोग नहीं कर सकता है इन सेलेब्रिटी के अलावा बहुत से लोगो ने अपने नाम का Trademark करवाया हुआ है.
तो ये हुई नाम की बात अब बात करते है सिम्बल की जैसे एप्पल, नाइक, मर्सडीज, डेल, BMW आदि ने एक अपना एक स्पेसिफिक सिम्बल बनाया हुआ है और इनका ट्रेडमार्क करवाया हुआ है अब कोई भी दूसरी कंपनी इनके सिम्बल का उपयोग अपने व्यापारिक लाभ कमाने के लिए उपयोग नहीं कर सकती है.
अब बात करते टेगलाइन की तो बहुत से कंपनी ने अपनी टेगलाइन का भी Trademark करवाया हुआ है जैसे LIC की टेगलाइन जिन्दगी के साथ भी जिन्दगी के बाद भी एप्पल की टेगलाइन Think Diffrent तो इस तरह कोई भी कंपनी अपनी टेग लाइन की का भी ट्रेडमार्क करवा सकती है. एक बार Trademark रजिस्टर हो गया तो कोई दूसरी कंपनी अपने व्यापारिक लाभ कमाने के लिए इनकी टेगलाइन का प्रयोग नहीं कर सकती है.
इन सबके अलावा कंपनी अपने लोगो जैसे एप्पल का लोगो, HP का लोगो डेल का लोगो, लेनोवो का लोगो आदि भी Trademark के लिए रजिस्टर होता है. आपको बता दे कि कार, मोबाइल आदि की डिजाईन का भी ट्रेडमार्क रजिस्टर होता है ताकि कोई दूसरी कंपनी इनकी कॉपी न कर सके.
Trademark के लिए कैसे अप्लाई करे
Trademark क्या है ये तो आप जान गए होंगे अब आपको बताते है है कि ट्रेडमार्क कैसे करवाया जाता है तो आपको बता दे कि ट्रेडमार्क का रजिस्ट्रेशन कण्ट्रोल जनरल ऑफ़ पेटेंट डिजाइन एंड ट्रेडमार्क की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन किया जा सकता है. भारत में Trademark की रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया में डेढ़ से 2 साल तक लग जाते हैं.
जब हम Trademark के लिए अप्लाई करते हैं तो सरकार द्वारा हमें अपने प्रोडक्ट्स पर TM लगाने की अनुमति मिल जाती है TM का मतलब ये तो होता है कि अभी इस प्रोडक्ट पर ट्रेडमार्क की प्रक्रिया जारी है जब रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो हम अपने प्रोडक्ट्स या सर्विस पर R वाला सिम्बल लगा सकते हैं. जिसका मतलव होता कि कंपनी ने अपने प्रोडक्ट्स या सर्विस का ट्रेडमार्क रजिस्टर करवाया हुआ है.
तो अब आप जान गए होंगे कि Trademark क्या है या Trademark क्या होता है और ये कैसे करवाया जाता है तो फाइनली हमसे कोई पूछे कि ट्रेडमार्क क्यों करवाया जाता है तो हमारा जबाव ये होगा कि ट्रेडमार्क की जरुरत इसलिए पड़ती है जिससे कोई दूसरा व्यक्ति या कंपनी हमारे नाम, सिम्बल, लोगो, डिजाईन या हमारी किसी टेगलाइन का प्रयोग अपने किसी व्यापारिक लाभ के लिए न कर सके.
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