आज आपको इस आर्टिकल में उड़ने वाला सांप की फोटो नाम और इससे जुड़ी दिलचस्प जानकारी बताने जा रहे हैं दुनिया भर में सांपों की हजारों प्रजातियां पायी जाती है। जिनमें कुछ इतने विषैले होते है कि इनके एक बूँद जहर से पल भर में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है हालाकि कुछ सांप विषैले नहीं होते फिर भी अधिकतर लोग इनसे डरते हैं। स्नेक ऐसे जीव हैं जिन्हें लगभग दुनिया के सभी लोगो ने देखा है लेकिन क्या आपको पता है इनमें कुछ ऐसे भी होते हैं जो उड़ सकते हैं। आज तक आपने कहानी किस्सों में उड़ने वाले सांपों के बारे में सुना होगा या आज के डिजिटल युग में टीवी और इंटरनेट में भी देखा होगा इन्हें देखने के बाद आप भी सोचते हैं होंगे कि यह विशेष प्रजाति के सांप कैसे उड़ पाते हैं।
आमतौर पर उड़ने वाले स्नेक दुनिया की बहुत कम जगहों में पाए जाते हैं और इनकी संख्या कम होने के कारण यह अक्सर ही दिखाई पड़ते है हालाकि यह बहुत ज्यादा जहरीले नहीं होते हैं लेकिन उड़ने के कारण इनका खौफ अधिक होता है। जैसे मान लीजिये आप किसी पेड़ के नीचे खड़े हो और अचानक आपके ऊपर यह सांप आ गिरे तो आप डर के मारे सहम जायेंगे दुनिया में जितने भी उड़ने वाले जीव होते हैं उनके पंख होते हैं जिनकी सहायता से यह आसमान में उड़ पाते हैं। लेकिन सांप के तो कोई पंख नहीं होते फिर यह कैसे संभव है कि बिना पंख के सांप उड़ सकते हैं तो आपको सब कुछ बताएँगे इस पोस्ट में इसके लिए इसे आपको ध्यानपूर्वक पढ़ना होगा।
उड़ने वाला सांप
उड़ने वाले सांप छलांग लगाने के लिए एक खास तरह की प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हैं जिसे अनड्यूलेशन कहते हैं। जब यह हवा में होते हैं तो यह अंग्रेजी भाषा के अक्षर S के जैसा आकार बना लेते हैं ऐसा करने पर यह हवा में ज्यादा देर तक रह पाते हैं। इन सांपों के पीछे का हिस्सा इनके नीचे ऊपर होने की गतिविधि करता है इसके साथ यह हिस्सा सांप के शरीर को तेजी से फेंकता है जिससे यह हवा में पहुँच जाते हैं। इस गतिविधि के कारण इन्हें फ्लाइंग स्नेक कहा जाता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि हालही में सांपों के उड़ने वाली प्रक्रिया में एक शोध किया गया था जिसका उद्देश्य सांपों के उड़ने की प्रक्रिया का पता लगाना था। इसके लिए शोधकर्ताओं द्वारा स्नेक के एरिया में हाई स्पीड कैमरे लगाये गए थे इस शोध में सांप की छोटी प्रजाति पैराडाइस ट्री स्नेक या क्रिसोपेलिया पाराडिसी पर अध्धयन किया गया था। यह सांपों की छोटी प्रजाति है जो बहुत कम स्थानों में पायी जाती है इन सांपों की औसतन लंबाई 3 फीट होती है।
अगर आप ये सोच रहे है कि फ्लाइंग स्नेक पक्षी की तरह जमीन से उड़ान भर सकते हैं तो ऐसा बिलकुल नहीं है क्योंकि उड़ने वाले सांप किसी ऊँचे पेड़ की डाल से दूसरे पेड़ पर छलांग लगाते है। ऐसी स्थिति में यह कुछ देर हवा में रहते हैं और इस तरह दिखाई देते हैं मानों यह हवा में तैर रहे हैं वास्तव में यह पक्षी की तरह उड़ नहीं सकते लेकिन शिकार करने के लिए यह एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर छलांग लगा सकते हैं।
उड़ने वाले सांप कहां पाए जाते हैं
पैराडाइस ट्री स्नेक या क्रिसोपेलिया पाराडिसी प्रजाति के सांपों को उड़ने वाला सांप कहा जाता है और यह श्रीलंका, दक्षिण चीन और दक्षिण पूर्व एशिया के अलावा फिलीपींस में पाए जाते हैं. इसके साथ ही ये सांप भारत में भी पाए जाते हैं। और कभी कभार ही नजर आते हैं चूँकि यह छिपकली, चूहे, चमगादड़, पक्षी वगैरह का शिकार करते हैं। ऐसे में इनका जहरीला होना लाजमी है लेकिन यह इतने भी जहरीले नहीं होते जिससे यह किसी मनुष्य की जान ले सके हालाकि इनके काटने का थोड़ा असर जरुर होता है।
तो अब आप जान गये होंगे कि उड़ने वाला सांप कैसे होते हैं और यह किस वजह से उड़ पाते हैं आज आपको जिस सांप के बारे में बताया है यह उड़ने वाले सांपों की सबसे छोटी प्रजाति है। जिसकी औसतन लंबाई 3 फीट होती है काले रंग के इन सांपों पर हरे रंग की धारिया होती है आमतौर पर यह सांप पेड़ पर ही रहना पसंद करते हैं और एक पेड़ की शाखा से दूसरे पेड़ की शाखा पर छलांग लगाते हैं। जिसमें यह उड़ते हुए प्रतीत होते हैं तो उम्मीद करते हैं इस पोस्ट में आपको कुछ नया जानने को मिलेगा।
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