चाइनामैन बॉलिंग क्या है क्रिकेट में चाइनामैन बॉलिंग शब्द काफी प्रचलित और जब से टीम इंडिया में चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव टीम इंडिया में आये है तब से ही ये शब्द भारतीय प्रशंसको के लिए पहेली सा बना हुआ है. आज ऐसे बहुत से क्रिकेट प्रशंसक है जिनको चाइनामैन के पीछे की कहानी नहीं पता है. अगर आपको भी नहीं पता है तो आज हम आपको बताएँगे कि चाइनामैन बॉलिंग शब्द कहा से आया है और चाइनामैन गेंदबाजी क्या होती है.
साल 1933 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच मेनचेस्टर में टेस्ट मैच खेला जा रहा था वेस्टइंडीज में एक चीनी मूल के गेंदबाज एलिस अचोंग शामिल थे. जो उस समय बेहतरीन गेंदबाजी करते थे. इस टेस्ट मैच में जब इंग्लैंड के बल्लेबाज वाल्टर रॉबिन्स बेटिंग कर रहे थे तब गेंदबाज एलिस अचोंग ने ऐसी बॉल डाली जो ऑफ स्टंप के बाहर से टर्न होकर स्टंप पर जा लगी थी.
वाल्टर रॉबिन्स इस गेंद को बिलकुल नहीं समझ पाए थे. रॉबिन्स ने आश्चर्यजनक गेंद करने के बाद पवेलियन लौटते समय अंपायर से कहा, ‘चाइनामैन ने शानदार गेंदबाजी की.’ यही से चाइनामैन बॉलिंग शब्द लोकप्रिय हो गया और फिर आगे चलकर इन्हें चाइनामैन कहा जाने लगा.
चाइनामैन बॉलिंग क्या है
इस गेंदबाजी में लेफ्ट आर्म गेंदबाज अपनी अँगुलियों से नहीं बल्कि अपनी कलाइयों से गेंद को स्पिन कराता है और इस गेंदबाजी को ही चाइनामैन गेंदबाजी कहा जाता है. टीम इंडिया कुलदीप यादव एकलौते खिलाड़ी है जो चाइनामैन बॉलिंग करते है. वैसे आपको बता दे दुनिया में बहुत से गेंदबाज है जो चाइनामैन गेंदबाज शब्द से प्रसिद्ध हुए है. जिनमें वेस्टइंडीज के एलिस अचोंग और गैरी सोबर्स, इंग्लैंड के जॉनी वार्ड्ले और ऑस्ट्रेलिया के ब्रैड हॉग का नाम शामिल है.
तो अब आप जान गए होंगे कि चाइनामैन बॉलिंग क्या है आपको बता दे कि भारतीय क्रिकेट इतिहास में कुलदीप एकलौते चाइनामैन गेंदबाज हैं कुलदीप यादव भारतीय टीम में शामिल होने के दिन से बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे है अगर वो इसी तरह का प्रदर्शन करते रहे तो आगे चलकर वह टीम इंडिया के मुख्य बॉलर में से एक बन जायेंगे.
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