टीम इंडिया के खिलाड़ी विदेशी प्रीमियर लीग में क्यों नहीं खेलते हैं आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं. हमारे देश में आईपीएल में को सभी क्रिकेट प्रेमी बेहद पसंद करते है करीब दो महीने चलने वाले इस आईपीएल सीजन में रोमांचक मैच देखने की होड़ सी लगी रहती है. साल 2008 में शुरू हुआ आईपीएल हर साल अपनी पहचान बनाते जा रहा है. आपको बता दे कि आईपीएल दुनिया में सबसे धनी क्रिकेट प्रीमियम लीग है. यहाँ के खिलाड़ियों और टीमों पर सबसे ज्यादा रुपए खर्च किये जाते है.
आपने कई बार सोचा होगा कि आईपीएल में बहुत सारे विदेशी खिलाड़ी खेलने आते है. लेकिन हमारे देश के खिलाड़ी दूसरे देशों की विदेशी प्रीमियर लीग जैसे CPL, BBL में खेलने क्यों नहीं जाते है. ऑस्ट्रेलिया की प्रीमियम लीग ने तो भारतीय खिलाड़ियों को खेलने का न्योता भी दिया था. लेकिन कोई भी भारतीय खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया की बिगबैश लीग खेलने नहीं गया था.
दरअसल भारतीय खिलाड़ियों के विदेशी प्रीमियर लीग में न खेलने के पीछे एक कॉन्ट्रैक्ट है जो भारतीय खिलाड़ी और BCCI के बीच साइन किया जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिसमें साफ लिखा है कि अगर कोई भारतीय खिलाड़ी BCCI के कॉन्ट्रैक्ट साइन करता है तो वो विदेशी लीग में नहीं खेल सकता है. BCCI कभी भी भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने का मौका नहीं देगा क्योंकि अगर वो ऐसा करता है तो वर्ल्ड क्रिकेट में BCCI का दबदवा कम हो जायेगा. इस समय BCCI बाकी क्रिकेट बोर्ड की तुलना में सबसे ज्यादा धनी क्रिकेट बोर्ड है.
अगर भारतीय खिलाड़ी विदेशी लीग में खेलते है जैसे मान लीजिये भारतीय खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया की प्रीमियम लीग में खेलते है तो भारतीय दर्शक ऑस्ट्रेलिया की प्रीमियम लीग को भी देखेंगे. जिससे ऑस्ट्रेलिया को बहुत बड़ी संख्या में भारतीय दर्शक मिल जायेंगे. इस तरह ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट बोर्ड को भारत के दर्शकों और नए स्पोंसर से रुपये मिलेंगे. BCCI ये कभी नहीं चाहेगा कि विश्व क्रिकेट में BCCI और आईपीएल का दबदवा कम हो. इस बजह से BCCI अपने खिलाड़ियों को करोड़ों में सेलरी देता है जिससे उन्हें किसी दूसरी प्रीमियम लीग में खेलने की जरुरत ही न पड़े.
टीम इंडिया के खिलाड़ियों का विदेशी प्रीमियर लीग में न खेलना कही न कही टीम इंडिया के खिलाड़ियों के नुकसान भी है क्योंकि टीम इंडिया के खिलाड़ी विदेशी पिचों पर ज्यादा नहीं खेल पाते है क्योंकि खिलाड़ियों के पास विदेशी पिचों का ज्यादा अनुभव नहीं होता है जबकि विदेशी खिलाड़ी भारत में आकर महीनो तक आईपीएल खेलते है इससे उन्हें भारत की पिचों का अच्छा खासा अनुभव हो जाता है और वो भारत के खिलाफ किसी सीरीज या बड़े टूर्नामेंट में टीम इंडिया के लिए मुश्किलें पैदा कर देते है. टीम इंडिया इसी वजह से विदेशों में बहुत कम बार सीरीज जीत पाती है.
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