टायर का रंग काला क्यों होता है जानिए वजह

टायर का रंग काला क्यों होता है लाल, पीला या सफ़ेद क्यों नहीं होता तो आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे है और इसके पीछे का कारण भी बताएँगे. टायर की बात करे तो हर आदमी इस चीज से बाकिफ होगा क्योंकि टायर किसी भी वाहन का प्रमुख अंग है टायर की वजह से ही एक वाहन लम्बा सफ़र तय कर पाते है लेकिन टायर को देखकर भी यहीं सवाल उठता है कि ये टायर काले क्यों होते है और अब तो टेक्नोलॉजी में काफी बदलाव आ गया अब भी टायरों को किसी दूसरे कलर में क्यों नहीं बनाया जाता है. भारत में लगभग सभी चीजें काफी बाद में आती है लेकिन जो देश टेक्नोलॉजी में सबसे आगे है वहां के वाहन के टायर अभी भी काले क्यों बनाये जा रहे है. तो जानेंगे इसके पीछे की वजह.

गाडियों के टायरों का रंग काला ही क्यों होता है जानिए वजह

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टायर का रंग काला क्यों होता है

टायर का इतिहास काफी पुराना है क्योंकि आदिमानव के ज़माने भी टायर बनाये जाते थे लेकिन उस समय रबर जैसी किसी चीज की खोज नहीं हुई थी जब रबर की खोज हुई तो इसके टायर भी बनाये गए जो काफी काम में आने लगे लेकिन अभी भी इन टायर में कमी थी क्योंकि साधारण रबर के टायर जल्दी घिस जाते थे इसके बाद थोड़ी और रिसर्च की गयी और पाया गया कि रबर में कार्बन और सल्फर मिलाकर इसे मजबूत किया जा सकता है. वैसे आपको पता होगा कि रबर का प्राकतिक रंग स्लेटी होता है लेकिन जब इसमें कार्बन और सल्फर मिलाया जाता है तो इसका रंग काला हो जाता है.

रबर में कार्बन मिलाने से बहुत बड़ा फायदा हुआ है क्योंकि जहाँ साधारण रबर से बना टायर 10 किलोमीटर चल सकता है वहीं कार्बन और सल्फर युक्त रबर का टायर 1 लाख किलोमीटर से ज्यादा चल सकता है इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि टायर बनाने के लिए रबर में कार्बन और सल्फर मिलाना कितना जरुरी है. चुकीं रबर में कार्बन और सल्फर मिलाते है इसलिए टायर का रंग काला हो जाता है.

क्या होगा अगर टायर को किसी दूसरे कलर में बनाया जाए

आपने छोटे बच्चों की साईकिल में लगे रंगीन टायर को देखा होगा इनके रंगीन होने की वजह से ही ये टायर ज्यादा समय तक नहीं चल पाते है. हालाकि ये रंगीन टायर ठोस होते है इनमें किसी भी तरह से हवा नहीं भरी जाती है इसलिए ये टायर थोड़ी टक्कर दे जाते हैं. अब आप भी जानना चाहते होंगे कि क्या होगा अगर टायर को किसी कलर में बनाया जाए. वैसे आपको इस सवाल का जबाव मिल गया होगा. रंगीन टायर ज्यादा देर तक नहीं टिकेंगे क्योंकि जब टायर को रंगीन करने के लिए उसमें रंगीन पदार्थ मिलाया जायेगा तो टायर में कार्बन और सल्फर की मात्रा पर असर पड़ेगा. और हमें पता है कि टायर कार्बन और सल्फर की वजह से ही मजबूत रहते है. हालाकि अभी तक कई कंपनियां रंगीन टायर बना चुकीं है लेकिन इनका बहुत कम प्रयोग हो रहा है.

अब आप जान गए होंगे कि टायर का रंग काला क्यों होता है आपने कभी टायर को जलते हुए देखा होगा तो उसमें काला धुआं निकलता है वो कार्बन का काला धुआं होता है. अभी कार्बन युक्त टायर काफी अच्छी सर्विस दे रहे है इसलिए इनके कलर में कोई छेड़छाड़ नहीं कर रहा है लेकिन जिस तरह से टेक्नोलॉजी में बदलाव देखने मिल रहा है. टायर के कलर बदलने का समाधान भी ढूढ़ लिया जायेगा और भविष्य में आपको सड़क पर चल रहे बड़े वाहनों में भी रंगीन टायर देखने को मिल सकते हैं.

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