क्या आप जानना चाहते है बुलेट प्रूफ जैकेट किसका बना होता है आपने अक्सर फिल्मों या टीवी में देखा होगा कि सेना के जवान बुलेटप्रूफ जैकेट का इस्तेमाल करते हैं। जैसा कि इसके नाम से पता चल रहा है कि यह एक ऐसी जैकेट है। जो बुलेट यानी गोली को शरीर में लगने से रोकती है। लेकिन अब आप सोच रहे है कि बुलेट प्रूफ जैकेट बनाने के लिए किसका प्रयोग किया जाता है क्योंकि बुलेट इतनी ताकतवर होती है कि यह लोहे जैसे मटेरियल को भी पार कर देती है। वैसे आपको बता दे कि आज के समय ऐसे कई मटेरियल खोजे जा चुके है जो लोहे से कई गुना मजबूत होते हैं।
जैसा कि हम सभी जानते है कि बुलेट प्रूफ जैकेट आधुनिक सेना में उपयोग किये जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण उपकरण हैं। इस जैकेट को इस तरह बनाया जाता है कि अगर इसको पहने हुए व्यक्ति को गोली भी लग जाए तो उसकी जान को कोई खतरा न हो दुनिया के लगभग सभी देशों की सेना इस उपकरण का प्रयोग करती है।
बुलेट प्रूफ जैकेट किसका बना होता है
किसी बुलेट प्रूफ जैकेट के निर्माण के लिए सबसे जरुरी चीज कपड़ा होती है। जिसके निर्माण के लिए फाइबर या फिलामेंट का उत्पादन किया जाता है। यह मटेरियल वजन में हल्का लेकिन मजबूत होता है। इसके अलावा जैकेट में जो मुख्य मटेरियल होता है। उसे केवलर के नाम से जाना जाता है जो कि एक पैरा-अरैमिड सिंथेटिक फाइबर होता है।
केवलर के निर्माण के लिए तरल रासायनिक मिश्रण से ठोस धागा कताई द्वारा उत्पादित किया जाता है। इस जैकेट में एक अन्य मटेरियल डाईनीमा फाइबर का भी प्रयोग होता है। इसे पॉलीथीन बेस के जरिये बनाया जाता है। यह पदार्थ भी वजन में हल्का होने के साथ काफी ज्यादा मजबूत होता है।
बता दे कि केवलर एक कॉमन मटेरियल है जिससे बने जैकेट को केवलर जैकेट कहा जाता है। इस मटेरियल का उपयोग हेल्मेट बनाने के लिए भी किया जाता है। बुलेट प्रूफ जैकेट बनाने के लिए एक अन्य मजबूत मटेरियल वेकट्रेन का भी प्रयोग किया जाता है। वेकट्रेन केवलर से भी मजबूत माना जाता है क्योंकि यह स्टील से 10 गुना ज्यादा मजबूत होता है।
वहीं बुलेट प्रूफ जैकेट की कीमत की बात करे तो यह इसमें प्रयोग होने वाले मटेरियल पर निर्भर होती है। जैसा कि हमने आपको बताया कि वेकट्रेन काफी महंगा मटेरियल होता है ऐसे में इससे बनने वाली जैकेट की Cost भी काफी अधिक होती है।
एक बुलेटप्रूफ जैकेट की कीमत 40,000 रूपये से लेकर 2 लाख रूपये तक होती है। एक सामान्य बुलेट प्रूफ जैकेट में लगभग 8 किलोग्राम वजन होता है हालाकि इसकी आधुनिकता और बढ़ती हुई मांग को देखते हुए इससे और कम वजन की जैकेट बनाने पर काम किया जा रहा है।
बुलेट प्रूफ जैकेट कैसे काम करती है
इस जैकेट में मुख्य दो परते होती है पहली सेरैमिक और दूसरी बैलिस्टिक पर्त जब कोई गोली जैकेट से टकराती है तो वह पहले सेरैमिक पर्त से टकराती है। यह पर्त इतनी मजबूत होती है कि इससे टकराने वाली गोली का नुकीला हिस्सा टुकड़ो में टूट जाता है।
जब गोली टुकड़ों में टूट जाती है तो उसकी पॉवर कम हो जाती है। टुकड़ो में टूटी गोली जैकेट में फैल जाती है इससे बड़ी मात्रा में उर्जा निकलती है। जिसे बैलिस्टिक पर्त अवशोषित कर लेती है इससे जैकेट पहनने वाले व्यक्ति को कम से कम नुकसान होता है और वह सुरक्षित बच जाता है।
तो अब आप जान गए होंगे कि बुलेट प्रूफ जैकेट किसका बना होता है बता दे कि भारत में भी बुलेट प्रूफ जैकेट बनाई जा रही है। भारत में बनने वाली जैकेट का प्रयोग 100 से भी ज्यादा देशों में हो रहा है। दिल्ली से सटे फरीदाबाद क्षेत्र में बड़ी मात्रा में बुलेट प्रूफ जैकेट का निर्माण कार्य किया जा रहा है। ऐसे में फरीदाबाद का यह क्षेत्र इस दिशा में काफी तरक्की कर रहा है।
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