Mobile Ka Avishkar Kisne Kiya Tha Hindi Mein: स्मार्टफोन तो आप सभी चलाते ही होंगे और फिलहाल यह आर्टिकल भी आपने मोबाइल पर ही खोल रखा होगा। आज के समय में मोबाइल इंसान की जिंदगी का एक बहुत ही जरूरी हिस्सा हो चुका है मोबाइल के बिना जीवन अधूरा सा लगता है और लगे भी क्यों ना मोबाइल की वजह से इंसान का जीवन कितना आसान हो चुका है।
हम हजारों किलोमीटर दूर बैठे अपने किसी साथी से चंद सेकंड में कनेक्ट हो सकते हैं। मोबाइल ने लोगों का जीवन इस कदर बदला है कि अब मोबाइल हर फील्ड में पैर पसार चुका है दुनिया से कनेक्ट होने के साथ-साथ लोग मोबाइल से घर बैठे पैसे भी कमा रहे हैं। यूट्यूब ब्लॉग़ वेबसाइट और अन्य बहुत सारे उदाहरण है मोबाइल आने के बाद ही व्हाट्सएप, फेसबुक, टिकटोक और इंस्टाग्राम आया जिसने लोगों की जिंदगी बदल दी।
आपके मन में यह ख्याल जरूर आया होगा कि आखिर मोबाइल की खोज किसने की थी 5G की स्पीड से इंटरनेट चला सकने वाला स्मार्टफोन आखिर कब इंटरड्यूस हुआ। इस आर्टिकल में मैं मोबाइल के अविष्कारक के बारे में बात करेंगे और बताएँगे कि आखिरी यह दुनिया बदल देने वाला मोबाइल खुद दुनिया में कब आया।
दुनिया का पहला मोबाइल सिर्फ बात करने के लिए बनाया गया था जिसे बनाने के लिए इसके डेवलपर को दिन रात एक करना पड़ा था क्योंकि उस समय एक स्थान से दूसरे स्थान पर बात करना सिर्फ एक चमत्कार ही था लेकिन आखिरकार इस चमत्कार को हकीकत बना ही दिया गया तो चलिए जानते हैं Mobile Banane Wale Ka Naam Kya Hai उम्मीद करते हैं यह पोस्ट आपको पसंद आएगा।
मोबाइल का आविष्कार किसने किया था
दुनिया के पहले मोबाइल फोन का आविष्कार अमेरिकी इंजीनियर मार्टिन कूपर ने किया था पहला मोबाइल फोन 3 अप्रैल 1973 को बनाया गया था यह स्मार्टफोन मोटोरोला कंपनी द्वारा बनाया गया था। मार्टिन कूपर ने 1970 में कंपनी को ज्वाइन किया था और शुरू से ही वायरलेस एनर्जी ट्रांसफर पर काम करना शुरू कर दिया था।
लगभग 3 साल बाद यानी कि 3 अप्रैल 1973 को उन्होंने दुनिया के सामने पहला वायरलेस मोबाइल फोन अनाउंस किया, यानी कि 3 अप्रैल 1973 मोबाइल का बर्थडे माना जाता है।
मोबाइल के आविष्कार के बारे में
आविष्कारक का नाम | मार्टिन कूपर |
सफल खोज तारीख | 3 अप्रैल 1973 |
भारत में सर्वप्रथम मोबाइल आगमन | 31 जुलाई 1995 |
मोबाइल बनाने वाली पहली कंपनी | मोटोरोला |
वर्तमान दिग्गज मोबाइल कंपनी | एप्पल |
मोबाइल का वजन कितना था
लोगों के मन में अक्सर यह सवाल होता है कि दुनिया के पहले स्मार्टफोन या मोबाइल का वजन कितना था आपको बता दूं कि सबसे पहले मोबाइल लांच हुआ था मोबाइल और स्मार्टफोन में बहुत अंतर होता है स्मार्टफोन में आप तरह तरह के कामकाज कर सकते हैं लेकिन मोबाइल उस समय केवल कालिंग के लिए बना थे और बहुत ही सीमित मात्रा में कारगर था।
आज आप अपने हाथ में जो 200 ग्राम का मोबाइल लिए हुए हैं यह इससे बहुत अलग था, उस समय इसका वजन लगभग 2 किलो था और इतना वजन होने का कारण इस मोबाइल में दी गई बैटरी थी।
उस समय बैटरी में इतनी तकनीक नहीं थी कि आज कि तरह 4 सेंटीमीटर की बैटरी 2 दिन मोबाइल को चला सके, उस समय इसमें भारी भरकम बैटरी का प्रयोग किया जाता था जो उस मोबाइल को केवल आधे घंटे तक ही चालू रख सकती थी।
मोबाइल की कीमत कितनी थी
दुनिया का पहला मोबाइल केवल आधे घंटे का बैटरी बैकअप देता था, जैसा कि हमने आपको बताया उस समय बैटरी की टेक्नोलॉजी इतनी ज्यादा नहीं थी लेकिन आपको क्या लगता है आधा घंटा बैटरी बैकअप देने वाला मोबाइल आखिर चार्ज कितने समय में होता होगा।
आपके हाथ में जो मोबाइल है वह एक घंटा चार्ज में पूरा दिन का बैकअप दे देता है लेकिन दुनिया का पहला मोबाइल फुल चार्ज होने में 10 घंटे से ज्यादा का समय लेता था और यह केवल 30 मिनट का बैटरी बैकअप देता था।
आपको क्या लगता है इस मोबाइल की आखिर कीमत क्या रही होगी आपको बता दूं कि यह आज के समय मिलने वाले आईफोन से भी महंगा था और इसकी कीमत 2700 अमेरिकी डॉलर थी, जो कि लगभग दो लाख भारतीय रुपए होती है। और यह कीमत 1973 की थी, यानी कि आज के समय के 25 लाख रुपयों के बराबर इस मोबाइल की वैल्यू थी।
यह सब इसलिए था क्योंकि लोगों ने ऐसी चीज पहले कभी नहीं देखी थी कि एक जगह खड़ा इंसान दूसरी जगह पर बात कर सके। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ती गई नई नई चीजें आती गई और कीमतें सस्ती होती गई।
मोबाइल फोन बाजार में कब आया
मोटोरोला का यह 1973 में लांच हुआ मोबाइल बाजार के लिए लांच नहीं हुआ था बल्कि मोटोरोला ने आम नागरिकों के लिए लगभग 10 साल बाद लांच किया था यानी कि लोगों के हाथ में 1983 के दशक में आया, और इस मोबाइल में कुछ फीचर भी ऐड किए गए थे। जैसे कि इसमें लगभग 30 मोबाइल नंबर सेव हो सकते थे, लेकिन इस मोबाइल का बैटरी बैकअप अभी भी 30 मिनट ही था।
Motorola DynaTAC 8000X वह पहला मोबाइल था जो लोगों के हाथ में आया था, इस मोबाइल की आम जनता के लिए कीमत 3995 अमेरिकी डॉलर यानी कि लगभग ढाई लाख रुपए के बराबर थी।
भारत में मोबाइल फोन कब आया
भारतीय बाजार में मोबाइल फोन का आगमन दुनिया का पहला मोबाइल लांच होने के लगभग 12 साल बाद यानी कि 1995 में हुआ, 31 जुलाई 1995 वह दिन था जब भारत में पहली बार आम जनता मोबाइल खरीद सकती थी और दूरसंचार के विस्तार के लिए सरकार ने ट्राई की स्थापना भी की थी।
जिसे आप टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया कहते हैं आज जीतनी भी कंपनियां है एयरटेल जिओ idea vodafone वगैरह इन सभी को ट्राई के अंडर काम करना पड़ता है और ट्राई ही वह संस्था है जो दूरसंचार के सभी नियमों को लागु करती है।
भूपेंद्र कुमार मोदी भारत के वह पहले उद्योगपति थे जिन्होंने भारत में मोबाइल फोन आने का सपना देखा उन्होंने 1994 से ही मोबाइल फोन के आगमन पर काम करना शुरू कर दिया था।
उनकी कंपनी मोदी टेलस्ट्रा थी जिसने देश में पहली बार मोबाइल सेवा को आरंभ किया और सबसे पहली कॉल (कोलकाता से दिल्ली) इसी कंपनी के नेटवर्क द्वारा की गई थी और आप जो स्पाइस मोबाइल नाम सुनते हैं वह नाम भी इसी कंपनी का है क्योंकि आगे चलकर इस कंपनी ने अपना नाम बदल लिया था।
मोबाइल के बारे में कुछ रोचक तथ्य
- आपने नोकिया 1100 मोबाइल जरूर देखा होगा यह ऐसा मोबाइल है जिसके नाम दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने का खिताब हासिल है। नोकिया 1100 अपने शुरुआती 5 साल में ही 25 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास पहुंच चुका था और दुनिया में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बेचने का खिताब नोकिया के नाम हुआ वह भी नोकिया ग्यारह सौ की वजह से।
- वर्ष 2012 में एप्पल कंपनी ने एक नया रिकॉर्ड बनाया जिसमें एप्पल कंपनी 1 दिन में 3,40,000 मोबाइल बेच रही थी इसका मतलब हुआ कि 1 सेकंड में 4 स्मार्टफोन।
- 2010 में एक रिसर्च की गई थी जिसमें वैज्ञानिकों ने बताया कि हमारे मोबाइल फोन पर हमारे टॉयलेट से 10 गुना ज्यादा कीटाणु होते हैं।
- दुनिया की सबसे पहली मोबाइल कॉल स्वयं मोबाइल के अविष्कारक मार्टिन कूपर ने 1973 में न्यूजर्सी में की थी।
- जापान देश में लगभग 95 परसेंट स्मार्टफोन वाटरप्रूफ होते हैं क्योंकि कंपनियों को मजबूरन मोबाइल को वाटरप्रूफ बनाना होता है। जापानी महिलाएं सावर लेते वक्त भी स्मार्टफोन को साथ में नहलाती है उनका मोबाइल से इतना लगाव होता है कि वह मोबाइल को हर समय अपने साथ लिए रखती है इसलिए जापान में मैन्युफैक्चरिंग करने वाली हर एक छोटी बड़ी कंपनी को वाटरप्रूफ बनाना ही होता है।
- मोबाइल आने के लगभग 12 से 13 साल बाद पहला स्मार्टफोन भी आ चुका था जो कि स्क्रीन टच था, इस मोबाइल को सिमोन नाम दिया गया था और सबसे पहले वायरलेस वर्ल्ड कांफ्रेंस में प्रदर्शित किया गया। यह मोबाइल पूरी तरह से स्क्रीन टच था और इसकी कीमत $899 रखी गई थी।
- इस मोबाइल में आप कॉल करने के साथ साथ ईमेल और फैक्स जैसी सुविधाओं का आनंद भी ले सकते थे और कांटेक्ट बुक कैलेंडर जैसे फीचर भी दिए गए थे। इस मोबाइल को बेल साउथ सेलुलर और आईबीएम कंपनी ने मिलकर बनाया था और इसे दुनिया का पहला स्मार्टफोन माना जाता है।
- Sonim XP3300 Force विश्व का पहला ऐसा मोबाइल था जो सबसे मजबूत माना गया था। यह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है इस मोबाइल को 84 फीट ऊपर से गिराने पर भी इसमें कोई खराबी नहीं आई थी और इसके सभी पार्ट बिल्कुल सही तरह से काम कर रहे थे।
- 9. दुनिया के पहले कैमरा वाले मोबाइल का आविष्कार जापान की कंपनी शार्प कारपोरेशन ने 2000 में किया था इस मोबाइल फोन में लगभग 1 मेगापिक्सल का कैमरा लगा हुआ था।
- यू स्विच कंपनी ने एक सर्वे किया जिसके मुताबिक ब्रिटेन में सालाना एक लाख से ज्यादा मोबाइल लोग गलती से टॉयलेट में गिरा देते हैं और 23,000 से ज्यादा मोबाइल बाथटब में गिरा कर खराब कर देते हैं।
- मोबाइल फोन की लत लग जाने पर एक बीमारी हो जाती है जिसे नोमोफोबिया कहा जाता है इस बीमारी में लोगों के साथ अजीब अजीब घटनाएं होती है जहां पर घर से निकलने पर मोबाइल छूट जाने को लेकर डर रहता है। मोबाइल आसपास न होने पर बेचैनी और घबराहट जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है दुनिया में 2 अरब से ज्यादा लोगों को नोमोफोबिया है।
- दोनों मोबाइल पर मैसेज तो आप सभी भेजते होंगे व्हाट्सएप फेसबुक या टेक्स्ट मैसेज के द्वारा तो आपको बता दे कि एक सर्वे के मुताबिक दुनिया के 90 परसेंट मैसेज 3 मिनट के अंदर की देख लिए जाते हैं।
- 2012 में एक अमेरिकी महिला सोलेना ओनसे का महीने का मोबाइल बिल ₹1,06,65,060 था यह एक रिकॉर्ड है क्योंकि ज्यादातर लोग हजार या दो हजार तक ही महीने का मोबाइल बिल भरते हैं और भारत के 90% लोग तो महीने में डेढ़ सौ से 500 के बीच का रिचार्ज करवाते हैं।
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FAQs – Mobile Ki Khoj Kab Hui Thi
मोबाइल का आविष्कार कब हुआ था?
मोबाइल के आविष्कारक मार्टिन कूपर पेशे से एक इंजिनियर थे और कंपनी ज्वाइन करते ही उन्होंने वायरलेस एनर्जी ट्रांसफर करने पर काम शुरू कर दिया था और 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद 3 अप्रैल 1973 को दुनिया के सामने पहला वायरलेस मोबाइल पेश किया गया।
दुनिया का पहला मोबाइल कौन सी कंपनी द्वारा बनाया गया था?
वर्तमान में दुनियाभर में सैकड़ों कंपनियां मोबाइल बनाने का काम कर रही हैं हालाकि दुनिया का पहला मोबाइल बनाने वाली कंपनी आज भी कार्य कर रही है लेकिन वह अब मॉडर्न ज़माने में पिछड़ती नजर आ रही है उस कंपनी को अब मोटो के नाम से जाना जाता है जिसका पुराना नाम मोटोरोला है।
भारत में पहला मोबाइल कब लांच किया गया था?
दुनिया में पहला मोबाइल 1973 को पेश किया गया था जबकि भारत में इसके 12 साल बाद यानी 31 जुलाई 1995 में पहला मोबाइल आया था।
मोबाइल में सबसे पहले कैमरे का उपयोग कब किया गया था?
दुनिया में सबसे पहले मोबाइल में कैमरे का उपयोग जापानी कंपनी शार्प कारपोरेशन ने साल 2000 में किया था यह कैमरा एक मेगापिक्सेल का था।
दुनिया का सबसे मजबूत कैमरा कौन सा था?
आज के समय मोबाइल की बिल्ड क्वालिटी पर भी काफी ध्यान दिया जाता है लेकिन आपको बता दे Sonim XP3300 Force विश्व का पहला ऐसा मोबाइल था जिसे 84 फिट की ऊँचाई से गिराने पर भी उसमे कोई खराबी नहीं आई थी।
निष्कर्ष
अब आप जान गए होंगे कि मोबाइल का आविष्कार किसने किया था कैसा लगा आपको आज का यह आर्टिकल आशा करेंगे आपको आर्टिकल पसंद आया होगा। यहां पर हमने मोबाइल फोन के आविष्कार और आविष्कारक के बारे में पूरी जानकारी ली है।
इस आर्टिकल में हमने मोबाइल फोन से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में भी खुलासा किया है। अगर आपको आर्टिकल पसंद आया है तो इसे अपने निजी साथियों के साथ शेयर करना बिल्कुल भी ना भूलें।